राज्यपाल सुश्री उइके जैन समाज के विशु़द्ध वर्षायोग 2022 कार्यक्रम में हुईं शामिल
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके आज रायपुर के श्री खण्डेलवाल दिगम्बर जैन मंदिर में आयोजित विशुद्ध वर्षायोग कार्यक्रम में शामिल हुईं। राज्यपाल ने सर्वप्रथम खण्डेलवाल जैन मंदिर में पहुंचकर जैन धर्म के सभी तीर्थंकरों के दर्शन कर छत्तीसगढ़ राज्य की खुशहाली एवं प्रगति की कामना की। इसके बाद राज्यपाल ने कार्यक्रम स्थल विशुद्ध देशना मण्डप पहुंचकर दिगम्बर जैन संत आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज सहित समस्त जैन संतों के दर्शन कर उनका आशीर्वाद लिया। राज्यपाल सुश्री उइके ने इस अवसर पर श्री विराग जी महाराज के चित्र का अनावरण भी किया।राज्यपाल सुश्री उइके ने इस अवसर पर कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ के लिए यह गर्व का विषय है कि जैन संत आचार्य विशुद्ध सागरजी महाराज अपने शिष्यों सहित छत्तीसगढ़ की धरा में पधार कर यहां पर चातुर्मास कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जैन धर्म हमें समानता, आत्मसंयम, त्याग तथा सद् आचरण की शिक्षा देता है। उन्होंने कहा कि कभी भी समाज में किसी भी प्रकार की आपदा-संकट की स्थिति आती है, जैन समाज सदैव सामने आता है और खुले मन से दीनदुखियों की मदद करता है। अपनी इसी सेवा भावना के कारण ही समाज निरंतर प्रगति और हर क्षेत्र में ऊंचाई हासिल कर रहा है। राज्यपाल ने आगे कहा कि महावीर स्वामी के बताए सिद्धांतों को जैन संत और उनके अनुयायी अपने जीवन में उतारते हैं और उसी के अनुसार आचरण करते हैं। वे सदैव अहिंसा के मार्ग पर चलते हैं। किसी भी स्थिति में जीव हत्या न हो, इसका विशेष ध्यान रखते हैं और उसके अनुसार ही कार्य भी करते हैं। वर्षा ऋतु में नये-नये सूक्ष्म जीवों की उत्पत्ति होती है और इस दौरान किसी भी प्रकार की जीव हत्या न हो, इस कारण जैन मुनि एक ही जगह पर रूक कर चातुर्मास का आयोजन कर अपनी धार्मिक क्रियाओं को संपन्न करते हैं।
उन्होंने कहा कि चतुर्मास में विभिन्न धार्मिक आयोजनों के चलते आसपास के वातावरण में शुद्धता आती है और शांति व सद्विचारों का वातावरण निर्मित होता है। समाज के लोगों को यह संदेश मिलता है कि हम अपने जीवन को किस प्रकार अच्छे कार्यों में लगाएं, जिससे पूरे देश और प्रदेश में शांति, खुशहाली और भाईचारे का वातावरण निर्मित हो। इस दौरान राज्यपाल ने दैनिक विश्व परिवार समाचार पत्र के विशेषांक का विमोचन किया। इस विशिष्ट अवसर पर जैन समाज द्वारा राज्यपाल सुश्री उइके को सम्मान स्वरूप प्रतीक चिन्ह और दिगम्बराचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज विरचित ताम्रपत्र में अंकित ‘‘सत्यार्थ बोध’’ नीति ग्रंथ भेंट किया गया।क्रमांक-2487/विशाल