प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया

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Posted On: 11 FEB 2025 4:17PM by PIB Delhi

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो संदेश के माध्यम से भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 के तीसरे संस्करण के उद्घाटन पर अपने विचार व्यक्त किए। यशोभूमि में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उपस्थित लोग न केवल ऊर्जा सप्ताह का हिस्सा हैं, बल्कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं का अभिन्न अंग भी हैं।

भारत ऊर्जा सप्ताह की परिकल्पना अन्य उद्योग सम्मेलन से कहीं अधिक के रूप में की गई थी- इसे वैश्विक ऊर्जा संवादों को फिर से परिभाषित करने वाले एक गतिशील मंच के रूप में डिजाइन किया गया था। केवल दो वर्षों में, इस स्व-वित्तपोषित पहल ने यह हासिल किया है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऊर्जा कार्यक्रम बन गया है। 11-14 फरवरी, 2025 को यशोभूमि, नई दिल्ली में निर्धारित भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 वैश्विक ऊर्जा को आकार देने में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि दुनिया भर के विशेषज्ञ इस बात पर जोर दे रहे हैं कि 21वीं सदी भारत की है, श्री मोदी ने कहा, “भारत न केवल अपने विकास को आगे बढ़ा रहा है, बल्कि ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका के साथ दुनिया के विकास को भी आगे बढ़ा रहा है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की ऊर्जा महत्वाकांक्षाएं पांच स्तंभों पर टिकी हैं: संसाधनों का दोहन, प्रतिभाशाली के बीच नवाचार को प्रोत्साहित करना, आर्थिक मजबूती और राजनीतिक स्थिरता, ऊर्जा व्यापार को आकर्षक और आसान बनाने वाली रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और वैश्विक स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता। प्रधानमंत्री ने कहा कि ये कारक भारत के ऊर्जा क्षेत्र में नए अवसर पैदा कर रहे हैं।

श्री मोदी ने कहा, “पिछले एक दशक में देश दसवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था से पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।” उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि पिछले दस वर्षों में भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन क्षमता बत्तीस गुना बढ़ गई है, जिससे यह विश्व का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन ऊर्जा क्षमता तीन गुना बढ़ गई है और भारत पेरिस समझौते के लक्ष्यों को प्राप्त करने वाला पहला जी20 देश है। प्रधानमंत्री ने इथेनॉल मिश्रण में भारत की उपलब्धियों पर जोर दियाजिसकी वर्तमान दर उन्नीस प्रतिशत हैजिससे विदेशी मुद्रा की बचतकिसानों की आय में पर्याप्त वृद्धि और कार्बन उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी आई है। उन्होंने अक्टूबर 2025 तक बीस प्रतिशत इथेनॉल अनिवार्यता प्राप्त करने के भारत के लक्ष्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत का जैव ईंधन उद्योग 500 मिलियन मीट्रिक टन स्थायी फीडस्टॉक के साथ तेजी से विकास के लिए तैयार है। उन्होंने आगे कहा कि भारत की जी20 अध्यक्षता के दौरान, वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की स्थापना की गई थी और यह लगातार विस्तार कर रहा है, जिसमें अब 28 राष्ट्र और 12 अंतर्राष्ट्रीय संगठन शामिल हैं। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह गठबंधन कचरे को आय में बदल रहा है और उत्कृष्टता केंद्र स्थापित कर रहा है।

इस बात पर प्रकाश डालते हुए कि भारत अपने हाइड्रोकार्बन संसाधनों की क्षमता का पूरी तरह से पता लगाने के लिए लगातार सुधार कर रहा है, श्री मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि प्रमुख खोजें और गैस अवसंरचना का व्यापक विस्तार गैस क्षेत्र के विकास में योगदान दे रहा है, जिससे भारत के ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस की हिस्सेदारी बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत वर्तमान में चौथा सबसे बड़ा रिफाइनिंग हब है और अपनी क्षमता को 20 प्रतिशत बढ़ाने के लिए काम कर रहा है।

प्रधानमंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत के तलछटी बेसिनों में कई हाइड्रोकार्बन संसाधन हैं, जिनमें से कुछ की पहचान पहले ही हो चुकी है, जबकि अन्य की खोज की प्रतीक्षा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के अपस्ट्रीम क्षेत्र को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए सरकार ने ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (ओएएलपी) शुरू की है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सरकार ने इस क्षेत्र को व्यापक समर्थन दिया है, जिसमें विशेष आर्थिक क्षेत्र खोलना और एकल खिड़की निकासी प्रणाली स्थापित करना शामिल है। श्री मोदी ने कहा कि तेल क्षेत्र विनियमन एवं विकास अधिनियम में किए गए बदलावों से अब हितधारकों को नीतिगत स्थिरता, विस्तारित पट्टे और बेहतर वित्तीय शर्तें मिल रही हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन सुधारों से समुद्री क्षेत्र में तेल और गैस संसाधनों की खोज में मदद मिलेगी, उत्पादन बढ़ेगा और रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार बनाए रखने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में कई खोजों और पाइपलाइन बुनियादी ढांचे के विस्तार के कारण प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ रही है। इससे निकट भविष्य में प्राकृतिक गैस के उपयोग में वृद्धि होगी। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि इन क्षेत्रों में निवेश के कई अवसर हैं।

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री श्री हरदीप सिंह पुरी ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में इस आयोजन के बढ़ते महत्व पर प्रकाश डाला, जो महज तीन वर्षों में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा ऊर्जा सम्मेलन बन गया है। इस वर्ष के आयोजन में 50 से अधिक देशों के 70,000 से अधिक ऊर्जा पेशेवरों ने हिस्सा लिया है, जिसमें फॉर्च्यून 500 ऊर्जा कंपनियों के 20 से अधिक मंत्री और 100 सीईओ शामिल हैं, जिससे यह उभरते वैश्विक ऊर्जा परिदृश्य पर चर्चा के लिए एक प्रमुख मंच बन गया है।

श्री पुरी ने कहा कि भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 वैश्विक ऊर्जा व्यवस्था को नया रूप देने वाले प्रमुख भू-राजनीतिक बदलावों के बीच एक महत्वपूर्ण मोड़ पर आ रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सम्मेलन नीति निर्माताओं, प्रसिद्ध उद्योगपतियों और हितधारकों को सार्थक संवाद में शामिल होने, विचारों का आदान-प्रदान करने और संतुलित और समावेशी ऊर्जा परिवर्तन के लिए एक मार्ग तैयार करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। स्थिरता के प्रति भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि परिवर्तन व्यावहारिक होना चाहिए, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा, हाइड्रोजन और जैव ईंधन के साथ-साथ हाइड्रोकार्बन की निरंतर भूमिका को मान्यता दी जानी चाहिए। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) के अनुमान का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2024 तक वैश्विक ऊर्जा निवेश 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक हो जाएगाजिसमें से 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए समर्पित होंगे, जो स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों की ओर तेजी से हो रहे बदलाव का स्पष्ट संकेत है।

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मंत्री महोदय ने ऊर्जा नवाचार और उद्यमिता को आगे बढ़ाने में भारत के नेतृत्व पर प्रकाश डाला, उन्होंने कहा कि बीपीशेलएक्सॉनमोबिल और शेवरॉन जैसी प्रमुख वैश्विक ऊर्जा फर्म भारत में वैश्विक क्षमता केंद्र संचालित करती हैं, जो ऊर्जा दक्षता, डेटा एनालिटिक्स और स्थायी संचालन के लिए अत्याधुनिक समाधान विकसित करने के लिए हजारों भारतीय इंजीनियरों को रोजगार देती हैं। उन्होंने अविन्या और वसुधा जैसी स्टार्ट-अप चुनौतियों में भाग लेने वाले 500 से अधिक उद्यमियों और एआई-संचालित ऊर्जा समाधानक्वांटम कंप्यूटिंग अनुप्रयोगों और जैव ईंधन और बैटरी प्रौद्योगिकियों में प्रगति का प्रदर्शन करने वाली 100 से अधिक स्टार्ट-अप सहित 700 प्रदर्शनी कंपनियों की भूमिका को भी स्वीकार किया।

उनके संबोधन का एक प्रमुख विषय ऊर्जा न्याय था, जहां उन्होंने खंडित ऊर्जा नीतियों के खिलाफ चेतावनी दी जो संक्रमण में विकासशील अर्थव्यवस्थाओं को पीछे छोड़कर असमानता को गहरा कर सकती हैं। उन्होंने महत्वपूर्ण खनिजों, अर्धचालकों और उभरती ऊर्जा प्रौद्योगिकियों में लचीली आपूर्ति श्रृंखलाओं की आवश्यकता पर बल दिया तथा प्रगति में बाधा उत्पन्न करने वाले व्यवधानों को रोकने के लिए वैश्विक सहयोग का आह्वान किया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत जैव ईंधन उत्पादन को बढ़ानेअपने गैस हिस्से को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने और 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन हाइड्रोजन उत्पादन का लक्ष्य रखने सहित विविध ऊर्जा स्रोतों में रणनीतिक रूप से निवेश कर रहा है, ताकि ऊर्जा सुरक्षा से समझौता किए बिना एक सहज संक्रमण सुनिश्चित किया जा सके।

श्री पुरी ने कहा कि सभी हितधारकों से भारत ऊर्जा सप्ताह को परिवर्तनकारी साझेदारी बनाने और वैश्विक ऊर्जा एजेंडे को आकार देने के लिए एक मंच के रूप में उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने 6,000 से अधिक प्रतिनिधियों को अगले चार दिनों में सम्मेलन की चर्चाओं में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया, जिसमें ऊर्जा बाजारों को स्थिर करनेतकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ाने की रणनीतियों पर ध्यान केंद्रित किया गया। वैश्विक ऊर्जा इको-सिस्टम में भारत की बढ़ती केंद्रीय भूमिका के साथ, भारत ऊर्जा सप्ताह 2025 ऊर्जा के भविष्य को परिभाषित करने के लिए एक ऐतिहासिक आयोजन होने वाला है।

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एमजी/आरपी/केसी/एचएन/एचबी

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