केंद्रीय बजट वर्ष 2025-26 : वस्त्रह क्षेत्र को बढ़ावा
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भारतीय परिधान और वस्त्र4 उद्योग लगभग 176 बिलियन अमेरिकी डॉलर का है, जो देश के सकल घरेलू उत्पाद में लगभग 2 प्रतिशत का योगदान देता है। यह विनिर्माण उत्पादन का लगभग 11 प्रतिशत हिस्सा है। वस्त्रश उद्योग देश में रोजगार सृजन के सबसे बड़े स्रोतों में से एक है, यह प्रत्य क्ष रूप से 45 मिलियन से अधिक वस्त्रे श्रमिकों को रोजगार देता है। भारत वस्त्रे और परिधानों का छठा सबसे बड़ा निर्यातक है। इस क्षेत्र में वैश्विक व्यापार में इसकी हिस्सेदारी लगभग 4 प्रतिशत है। देश के कुल व्यापारिक निर्यात में हस्तशिल्प सहित वस्त्रस और परिधान (टी एंड ए) की हिस्सेदारी वर्तमान में लगभग 8 प्रतिशत है। यह क्षेत्र मेक इन इंडिया, स्किल इंडिया, महिला सशक्तीकरण और ग्रामीण युवा रोजगार जैसी सरकार की प्रमुख पहलों के साथ पूरी तरह से संरेखित है।
बजट में वर्ष 2025-26 के लिए वस्त्रव मंत्रालय के लिए 5,272 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की गई। यह वर्ष 2024-25 के बजट अनुमानों (4417.03 करोड़ रुपये) की तुलना में लगभग 19 प्रतिशत की वृद्धि थी, और हाल के वर्षों में यह सबसे अधिक है। वस्त्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी निवेश योजना का बजट वर्ष 2024-25 में 45 करोड़ रुपये (बीई) से बढ़ाकर इस वर्ष 1148 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वस्त्रों के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना देश की विनिर्माण क्षमताओं को बढ़ाने और पांच वर्ष की अवधि में 10,683 करोड़ रुपये के स्वीकृत वित्तीय परिव्यय के साथ निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कार्यान्वित की जा रही है। यह मानव निर्मित फाइबर (एमएमएफ), एमएमएफ परिधान और तकनीकी वस्त्र क्षेत्र जैसे उभरते क्षेत्रों को कवर करता है, ताकि इन क्षेत्रों को आकार और पैमाने हासिल करने में सक्षम बनाया जा सके, ताकि वे विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बन सकें।
केंद्रीय बजट वर्ष 2025-26 में ‘कपास उत्पादकता के लिए मिशन’ की घोषणा की गई है। यह 5 वर्षीय मिशन कपास की खेती की उत्पादकता और स्थिरता में महत्वपूर्ण सुधार लाएगा। यह अतिरिक्त लंबे स्टेपल वाली कपास की किस्मों को बढ़ावा देगा। इस मिशन को कृषि एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और वस्त्र मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया जाएगा।
वस्त्र मंत्रालय का राष्ट्रीय तकनीकी वस्त्र मिशन (i) अनुसंधान, नवाचार और विकास, (ii) संवर्धन और बाजार विकास (iii) शिक्षा और कौशल तथा (iv) तकनीकी वस्त्रों में निर्यात संवर्धन पर केंद्रित है। बजट में दो और प्रकार के शटल-लेस लूम को पूरी तरह से छूट प्राप्त वस्त्र मशीनरी की सूची में जोड़ा गया है। वस्त्र उद्योग में उपयोग के लिए शटल-लेस लूम रैपियर लूम (650 मीटर प्रति मिनट से कम) और शटल-लेस लूम एयर जेट लूम (1000 मीटर प्रति मिनट से कम) पर शुल्क मौजूदा 7.5 प्रतिशत से शून्य कर दिया गया है।
नौ टैरिफ लाइनों के अंतर्गत आने वाले बुने हुए कपड़ों पर बुनियादी सीमा-शुल्कि दर को “10 प्रतिशत या 20 प्रतिशत” से बढ़ाकर “20 प्रतिशत या 115 रुपये प्रति किलोग्राम, जो भी अधिक हो” करने की बजट घोषणा से बुने हुए कपड़ों के सस्ते आयात पर अंकुश लगाकर घरेलू वस्त्रर उद्योग को मजबूती मिलेगी। यह उपाय घरेलू स्तर पर उत्पादित कपड़ों के उपयोग को प्रोत्साहित करेगा, क्षमता उपयोग को बढ़ावा देगा और स्थानीय विनिर्माण में निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
बजट में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) को अर्थव्यवस्था में परिवर्तनकारी सुधार लाने के लिए एक स्रोत के रूप में पहचाना गया है। यह वस्त्र क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत की वस्त्र और परिधान उत्पादन क्षमता का अधिकांश हिस्सा एमएसएमई द्वारा किया जाता है, जो इस क्षेत्र का 80 प्रतिशत से अधिक हिस्सा है। एमएसएमई के लिए वर्गीकरण मानदंडों में संशोधन जैसे प्रावधान गारंटी कवर के साथ ऋण उपलब्धता में उल्लेखनीय वृद्धि के साथ उन्हें पैमाने की उच्च दक्षता, तकनीकी उन्नयन और पूंजी तक बेहतर पहुंच प्राप्त करने में मदद करेंगे। संशोधित वर्गीकरण के साथ, अब अधिक इकाइयाँ एमएसएमई के अंतर्गत आएंगी।
उपरोक्त एजेंडे को आगे बढ़ाने और भारतीय वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के लिए, एक मेगा इवेंट – भारत टेक्स 2025, 11 प्रमुख वस्त्रा उद्योग निकायों द्वारा आयोजित किया जा रहा है और वस्त्रज मंत्रालय द्वारा समर्थित है। भारत टेक्स 2025 विस्ताार और लक्ष्यक दोनों के लिहाज से दुनिया में अपनी तरह का सबसे बड़ा आयोजन होगा, क्योंकि यह कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पादों और सहायक उपकरणों सहित पूरे वस्त्रा उद्योग मूल्य श्रृंखला को एक ही स्थायन पर उपलब्धो होगा। अनुकूल वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं और वस्त्रर स्थिरता के दोहरे विषयों के आसपास निर्मित – यह कार्यक्रम स्थिरता, नवाचार और वैश्विक सहयोग पर केंद्रित है। मुख्य कार्यक्रम 14-17 फरवरी, 2025 को भारत मंडपम में आयोजित किया जाएगा। इसमें कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पादों तक वस्त्रों की पूरी मूल्य श्रृंखला को सक्षम नीति समर्थन के साथ कवर किया जाएगा, जबकि सहायक उपकरण, परिधान मशीनरी, रंग और रसायन तथा हस्तशिल्प जैसी संबंधित प्रदर्शनियां 12 से 15 फरवरी, 2025 तक इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट ग्रेटर नोएडा में आयोजित की जाएंगी। संपूर्ण कच्चे माल मूल्य श्रृंखला में भारत को आत्मनिर्भर बनाने, अधिक निवेश प्राप्त करने, अपने घरेलू बाजार के आकार और निर्यात को बढ़ाने और बड़े पैमाने पर आजीविका के अवसरों को सुनिश्चित करने के लिए अपनी क्षमता को बनाए रखने एवं बढ़ाने के प्रयासों को सक्षम नीति समर्थन के साथ और अधिक सक्रिय करने की आवश्यकता होगी।
(गिरिराज सिंह)
केंद्रीय वस्त्र मंत्री