रायपुर हेरिटेज वॉक श्रंखला में रविवार 08 दिसंबर को तृतीय वॉक का आयोजन किया गया

Raipur chhattisgarh VISHESH रायपुर हेरिटेज वॉक श्रंखला में रविवार 8 दिसंबर को तृतीय वॉक का आयोजन किया गया जिसमें लोगों ने रायपुर में अंग्रेज ज़माने की विरासत को जाना एवं उस दौर की कहानियों से भी रुबरु हुए | वॉक का आरंभ सिटी कोतवाली से किया गया जो मराठा काल में कचहरी के रूप मे उपयोग होती थी और बाद में सन 1903 में क्षेत्र में ब्रिटिश हुकूमत के दौरान इस कचहरी को पुलिस विभाग को सौंपते हुए कोतवाली में तब्दील किया गया | वॉक में आये लोगों ने बचपन की यादें साझा करते याद किया कि पुराने कोतवाली इमारत के सामने कभी एक फव्वारा हुआ करता था और जाना कैसे माल रोड का नाम बदलकर मालवीय रोड हुआ | वॉक लीडर शिवम त्रिवेदी ने बताया कैसे ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी भारत आयी और धीरे-धीरे छत्तीसगढ़ क्षेत्र में भी अपनी मौजूदगी स्थापित करने में सफल हुई, सन 1854 में मध्य प्रांत बनाकर छत्तीसगढ़ डिविजन स्थापित किया गया और रायपुर में प्रथम डिप्टी कमिश्नर के रूप में चार्ल्स एलियट की पदस्थापना कि गयी | रायपुर जब 1867 में नगर पालिका घोषित हुआ उस ज़माने के दफ़्तर को भी लोगों ने देखा जो आगे चलकर रायपुर नगर निगम के कार्यालय के रूप में चला |
वॉक लीडर, कंज़र्वेशन आर्किटेक्ट निष्ठा जोशी ने लोगों को कैसर-ए-हिन्द दरवाजे पर जानकारी प्रदान की और उसके वास्तुकला के बारे मे भी बताया | उन्होंने शहीद वीर नारायण सिंह के फांसी स्थल जयस्तंभ चौक, जी. पी. ओ., बाबूलाल टॉकीज, हबीब होटल, इत्यादि के बारे में लोगों को बताया | 1929 में सारंगढ़ के राजा जवाहिर सिंह द्वारा निर्मित जवाहर गेट और बाजार से भी लोगों को अवगत कराया गया | वॉक का समापन गांधी मैदान में लोगों से इस आग्रह के साथ किया गया कि वे अपने शहर को जाने, उसके इतिहास पर गर्व महसूस करें, औऱ दूसरों तक पहुंचाएं | चौथे वॉक का आयोजन 15 दिसम्बर को गोल बाजार में किया जायेगा | पंजीकरण हेतु 9301273797/ 9200077707 पर कॉल या वॉटस्एप करें |

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