स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 परीक्षण के बारे में नवीनतम एडवाइजरी जारी की

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Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : कोविड-19 के बारे में राष्‍ट्रीय कार्य बल की सिफारिशों पर, नई एडवाइजरी में परीक्षण प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है

पहली बार अधिक सरल तौर-तरीकों के साथ नवीनतम दिशा-निर्देशों में ‘ऑन-डिमांड’ परीक्षण का प्रावधान किया गया है, ताकि उच्‍च स्‍तर के परीक्षण सुनिश्चित किए जा सकें। इस एडवाइजरी में दी गई विभिन्‍न परिस्थितियों में इच्‍छानुसार परीक्षण (प्राथमिकता के क्रम में) के बारे में विस्‍तार से जानकारी दी गई है।

कंटेनमेंट जोन में नियमित निगरानी और प्रवेश बिंदुओं पर स्क्रीनिंग:

परीक्षण की पसंद (प्राथमिकता के क्रम में)

रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) [संलग्न एल्गोरिदम के अनुसार]

आरटी-पीसीआर या ट्रूनेट या सीबीएनएएटी

1. सभी लक्षण सूचक (आईएलआई लक्षण) मामले जिनमें स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी और फ्रंटलाइन कर्मचारी भी शामिल हैं।

2. सभी लक्षणहीन प्रत्‍यक्ष और उच्‍च जोखिम वाले सम्‍पर्कों (परिवार और कार्यस्थल में सम्‍पर्क, 65 वर्ष और इससे अधिक आयु के बुजुर्ग और प्रतिरक्षा में अक्षम, सह-रुग्णता वाले व्‍यक्ति आदि) के प्रयोगशाला से पुष्‍ट हुए मामले की सम्‍पर्क में आने के 5 दिन और 10 दिन के बीच एक बार जांच की जाए।

3. कंटेनमेंट जोन में सभी लक्षणहीन उच्च जोखिम वाले व्यक्ति (कमोबेश 65 वर्ष की आयु के सह-रुग्णता वाले बुजुर्ग)।

ख. गैर-कंटेनमेंट क्षेत्रों में नियमित निगरानी:

परीक्षण की पसंद (प्राथमिकता के क्रम में):

आरटी-पीसीआर या ट्रूनेट या सीबीएनएएटी

रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी) *

4. पिछले 14 दिनों में अंतर्राष्ट्रीय यात्रा के इतिहास वाले सभी लक्षण वाले (आईएलआई लक्षण) व्यक्ति।

5. प्रयोगशाला द्वारा पुष्टि किए गए मामले के सभी लक्षण वाले (आईएलआई लक्षण) संपर्क में आने वाले व्‍यक्ति।

6. कंटेनमेंट एवं शमन गतिविधियों में शामिल सभी लक्षण वाले (आईएलआई लक्षण) स्वास्थ्य देखभाल कर्मचारी/फ्रंटलाइन कर्मचारी।

7. बीमारी के 7 दिनों के अंदर घर लौटे लोगों और प्रवासियों में सभी लक्षण वाले (आईएलआई लक्षण) मामले।

8. सभी लक्षणहीन उच्च जोखिम संपर्क (परिवार और कार्यस्थल में संपर्क में आए, कमोबेश 65 वर्ष की आयु, जो सह-रुग्णता आदि वाले बुजुर्ग [आरएटी को प्राथमिकता के क्रम में परीक्षण की पहली पसंद के रूप में सिफारिश की गई है।

ग. अस्पताल परिस्थिति में:

परीक्षण की पसंद (प्राथमिकता के क्रम में):

आरटी-पीसीआर या ट्रूनेट या सीबीएनएएटी

रैपिड एंटीजन टेस्ट (आरएटी)

9. अत्‍यंत गंभीर श्वसन संक्रमण (एसएआरआई) से ग्रस्‍त सभी मरीज।

10. स्वास्थ्य देखभाल परिस्थिति में सभी लक्षण (आईएलआई लक्षण) वाले रोगी।

11. लक्षणहीन उच्च जोखिम वाले मरीज जो अस्पताल में भर्ती हैं या प्रतिरक्षा में अक्षम व्‍यक्ति, घातक बीमारी से पीडि़त रोगी, प्रत्यारोपण वाले रोगी और पुरानी सह-रुग्णता से ग्रस्‍त रोगी, कमोबेश 65 वर्ष के बुजुर्ग, जिन्‍हें तुरंत अस्‍पताल में भर्ती होने की जरूरत है।

12. लक्षणहीन रोगी, जिनकी सर्जिकल/गैर-सर्जिकल इनवेसिव प्रक्रियाएं चल रही है। (अस्पताल में भर्ती के दौरान सप्ताह में एक बार से अधिक परीक्षण न किया जाए)

13. सभी गर्भवती महिलाएं, प्रसव के लिए अस्पताल में भर्ती हैं या होने वाली हैं।

14. सभी रोगसूचक बीमारी जैसे तीव्र श्‍वसन/सेप्सिस से ग्रस्‍त नवजात शिशु। (एक नवजात शिशु में गंभीर श्वसन संबंधी बीमारी के लक्षणों में खांसी या खांसी के बिना, बुखार या बुखार के बिना तीव्र श्वसन की बीमारी के लक्षण शामिल हैं। नवजात शिशु बुखार, सुस्ती, उचित फीडिंग की कमी, दौरे या दस्त लगने जैसे केवल गैर-श्‍वसन लक्षणों से भी ग्रस्‍त हो सकते हैं)

15. विशेष अभिव्यक्तियों को दर्शाने वाले रोगी (स्ट्रोक, एन्सेफलाइटिस, हेमोप्टीसिस, पलमोनरी इम्‍बोलिज्‍म, गंभीर कोरोनरी लक्षण, गुइलेन बैरे सिंड्रोम, मल्टीपल ऑर्गन डिसफंक्शन सिंड्रोम, कर्मिक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण, कावासाकी बीमारी (बाल चिकित्सा आयु वर्ग में) का इलाज करने वाले डॉक्‍टर के विवेक के आधार पर)।

“डिमांड पर परीक्षण” के बारे में एडवाइजरी में एक पूरी तरह एक नया खंड जोड़ा गया है, जो सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए एक पंजीकृत चिकित्सक के पर्चे पर आधारित है। हालांकि राज्य सरकारों को तौर-तरीकों को सरल बनाने के बारे में अपना निर्णय लेने की स्वतंत्रता है।

यह नया खंड इस प्रकार है-

घ.मांग पर परीक्षण (तौर-तरीकों को सरल बनाने के लिए राज्य सरकारों को निर्णय लेना):

प्रवेश के बिंदु पर विभिन्‍न देशों/भारतीय राज्यों की यात्रा करने वाले सभी व्यक्तियों के लिए कोविड-19 निगेटिव होना अनिवार्य है।

सभी व्यक्ति जो स्वयं की जांच करवाना चाहते हैं।

सार्वजनिक स्वास्थ्य अधिकारियों के अधिसूचित करने पर प्रयोगशाला द्वारा ट्रेकिंग एवं संपर्क पता लगाने वाला तंत्र सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

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