स्कोडा ऑटो इंडिया ने नए युग की शुरुआत की, पेश किया बिल्कुल नया ‘काइलैक’

Raipur chhattisgarh VISHESH बिलासपुर, अक्टूबर 2024 : स्कोडा ऑटो ने इस साल फरवरी में कॉम्पैक्ट एसयूवी की घोषणा के साथ अपनी महत्वाकांक्षाओं का स्पष्ट संकेत दिया था। देशभर में हुए नामकरण अभियान के बाद इस नई एसयूवी को काइलैक नाम मिला। इसका ग्लोबल प्रीमियर 6 नवंबर 2024 को किया जाएगा। काइलैक के साथ, स्कोडा ऑटो इंडिया अपने ग्राहकों को अलग-अलग रेंज की गाड़ियों का विकल्प देने जा रही है, जिसमें कोडियाक जैसी लक्ज़री एसयूवी और कुशाक जैसी मिड-साइज एसयूवी शामिल हैं, जो इंडिया 2.0 परियोजना के तहत लॉन्च की गई थी। भारत के तेजी से बढ़ते कार बाजार में लगभग 30% हिस्सेदारी पर कब्जा कर चुकी स्कोडा ऑटो, काइलैक को 4 मीटर से कम श्रेणी में लाएगी, जो कॉम्पैक्ट एसयूवी की श्रेणी में आती है। यह श्रेणी भारत में बेहद लोकप्रिय हो रही है। काइलैक अपने आधुनिक, बोल्ड और मजबूत डिज़ाइन, बेहतरीन ड्राइविंग अनुभव और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने वाले फीचर्स के साथ कॉम्पैक्ट एसयूवी सेगमेंट में एक नई पहचान बनाएगी। स्कोडा ऑटो के लिए यह लॉन्च भारत में एक ‘नए युग’ की शुरुआत को दर्शाती है, क्योंकि भारत यूरोप के बाहर स्कोडा के लिए सबसे महत्वपूर्ण बाजारों में से एक है।

स्कोडा ऑटो फॉक्सवैगन इंडिया के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीयूष अरोड़ा ने कहा, “मुझे बेहद गर्व है कि मैं स्कोडा ऑटो की पहली कॉम्पैक्ट एसयूवी काइलैक को पेश कर रहा हूँ। काइलैक पूरी तरह से भारत में ही बनाया गया है, जिसमें स्थानीयता के उच्‍च स्तरों को शामिल किया गया है। इससे हम ‘मेक इन इंडिया’ के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को और भी मजबूत कर रहे हैं। यह एसयूवी स्कोडा ग्रुप के डीएनए के अनुसार आरामदायक ड्राइविंग, सुरक्षा और आराम का सही संयोजन प्रदान करती है। इसे खासतौर पर भारतीय उपभोक्ताओं की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि यह एसयूवी भारतीय ग्राहकों को बेहद पसंद आएगी। काइलैक को भारत में और भारत के लिए डिज़ाइन किया गया है, और यह एक गेमचेंजर साबित होगी।”

मॉडर्न, बोल्ड और मस्कुलर : काइलैक नए ग्राहकों को आकर्षित करेगी
काइलैक को भारतीय उपभोक्ताओं की बदलती उम्मीदों को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है। इसमें स्कोडा के ग्लोबल डिज़ाइन का उपयोग किया गया है, जो साफ-सुथरी और सरल लाइनों के साथ कार की मजबूती और गुणवत्ता को दर्शाता है। कार के चारों ओर लगे मजबूत फेंडर इसे और आकर्षक बनाते हैं। गाड़ी खड़ी हो या सड़क पर दौड़ रही हो, इसका लुक हर किसी को प्रभावित करेगा।
इसमें हाई ग्राउंड क्लियरेंस दिया गया है, जिससे ऊबड़-खाबड़ और ऊंची-नीची सड़कों पर भी यह आसानी से चल सकेगी और गाड़ी का संतुलन बरकरार रहेगा। गाड़ी के पहियों के चारों ओर पर्याप्त जगह होगी, जो इसे और भी सक्षम बनाती है। काइलैक में एसयूवी की सभी विशेषताएं शामिल होंगी, जैसे कि इसके सामने वाले हिस्से में स्कोडा एसयूवी की पारंपरिक डिजाइन और डीआरएल लाइट्स होंगी, जो गाड़ी की खूबसूरती को और बढ़ाएंगी। इसके साइड और पीछे के हिस्से में हेक्सागोन पैटर्न होगा, जो कार को एक खास और अनोखा लुक देगा, जिससे यह गाड़ी और भी आकर्षक नजर आएगी।

स्कोडा ऑटो इंडिया के ब्रांड डायरेक्टर पेट्र जेनबा ने कहा, “हमारी कंपनी की विकास रणनीति का मुख्य हिस्सा है अपनी कारों की रेंज का विस्तार करना और नई-नई कारों को शामिल करना, ताकि हम ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को स्कोडा परिवार का हिस्सा बना सकें। हम अपनी नई एसयूवी काइलैक को अपने पोर्टफोलियो में जोड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं और यह भारत में हमारे सबसे बड़े लॉन्च में से एक होगा। यह कंपनी के भारत में बिजनेस के सफर में एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा, जिससे हम अपने बाजार में अपनी हिस्सेदारी को दोगुना कर सकेंगे। हमने काइलैक के टीजर शेयर किए हैं, जिनसे यह साफ है कि यह बेहद खूबसूरत और आकर्षक एसयूवी है। फिलहाल इसकी अंतिम टेस्टिंग चल रही है, इसलिए हम इसे पूरी तरह से नहीं दिखा सकते। काइलैक भारत में यूरोपीय तकनीक को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराएगी। इसमें सुरक्षा के लिए 25 से ज्यादा एक्टिव और पैसिव फीचर्स हैं, जो सभी वेरिएंट्स में मिलेंगे। कुछ खास वेरिएंट्स में लगभग 30 फीचर्स होंगे। काइलैक जल्द ही लॉन्च के लिए तैयार होगी और यह सुरक्षा और आसान ड्राइविंग के लिहाज से सबसे आगे रहेगी।”

पावर, परफॉर्मेंस, सेफ्टी और फीचर्स
काइलैक को 1.0 टीएसआई इंजन से पावर दी जाएगी, जो कि एक प्रमाणित और सक्षम इंजन है। इसे 6-स्पीड मैनुअल या 6-स्पीड ऑटोमैटिक गियरबॉक्स के साथ चुना जा सकता है। यह इंजन 85 किलोवॉट की पावर और 178 एनएम का टॉर्क उत्पन्न करता है। इस कार को उसी एमक्यूबी-ए0-आईएन प्लेटफॉर्म पर बनाया गया है, जिस पर कुशाक और स्लाविया जैसी कारें बनी हैं। काइलैक ने वयस्कों और बच्चों की सुरक्षा के लिए ग्लोबल एनसीएपी टेस्ट में 5 स्टार रेटिंग हासिल की है। इसमें 25 से ज्यादा एक्टिव और पैसिव सेफ्टी फीचर्स दिए गए हैं, जैसे कि छह एयरबैग, ट्रैक्शन और स्टेबिलिटी कंट्रोल, एंटी-लॉक ब्रेक्स, इलेक्ट्रॉनिक ब्रेक वितरण, ब्रेक डिस्क वाइपिंग, रोल ओवर सुरक्षा, मोटर स्लिप कंट्रोल, इलेक्ट्रॉनिक डिफरेंशियल लॉक, पैसेंजर एयरबैग को बंद करने की सुविधा, मल्टी-कॉलिजन ब्रेकिंग और आइसोफिक्स सीट्स। ये सभी फीचर्स काइलैक को एक सुरक्षित और भरोसेमंद कार बनाते हैं।

इसके अलावा, कार में ड्राइवर और पैसेंजर्स के लिए काफी जगह होगी, जिससे सफर आरामदायक बनेगा। पहली बार इसमें छह तरह से एडजस्ट होने वाली ड्राइवर और पैसेंजर सीटें होंगी, साथ ही वेंटिलेशन की सुविधा भी मिलेगी। काइलैक भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाले और प्रतिस्पर्धी एसयूवी सेगमेंट में स्कोडा ऑटो की मजबूत उपस्थिति को और बढ़ाएगी।

शानदार परीक्षण और विश्वसनीयता
काइलैक को भारतीय सड़कों और मौसम की हर चुनौती का सामना करने के लिए 8 लाख किलोमीटर से ज्यादा चलाकर परीक्षण किया गया है। इसमें शहरों की सड़कों, हाइवे, पहाड़ी रास्ते और ऊबड़-खाबड़ इलाकों को शामिल किया गया। यह दूरी इतनी है कि यह पृथ्वी से चांद तक जाने और वापस लौटने से भी ज्यादा है, या आप इसे धरती के चारों ओर 20 बार घूमने के बराबर मान सकते हैं। इस एसयूवी को -10 डिग्री से +85 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान में चलाकर टेस्ट किया गया, ताकि यह हर मौसम में बेहतरीन प्रदर्शन कर सके। इसे समुद्र के स्तर से लेकर 3,000 मीटर की ऊंचाई तक के इलाकों में भी चलाया गया, जिससे ऊंचे पहाड़ी इलाकों में भी इसकी मजबूती और विश्वसनीयता परखी जा सके। काइलैक को बारिश के मौसम में पूरी तरह सुरक्षित बनाने के लिए 100 रैंडम सैंपल्स पर कड़ी जांच की गई। इन्हें 25-30 लीटर पानी प्रति मिनट प्रति वर्ग मीटर के दबाव में 16 डिग्री के कोण पर रखा गया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि जबरदस्त बारिश के दौरान भी अंदर पानी न घुसे। इस कार को व्हीकल शेकर टेस्ट से भी गुजारा गया, जिससे यह पक्का किया गया कि हर तरह के रास्तों पर चलने के दौरान गाड़ी के केबिन में बैठे यात्रियों को झटके या किसी तरह का शोर महसूस न हो। इसके अलावा, इस कार के सभी पॉलीमर पार्ट्स की दो साल तक खुली धूप में टेस्टिंग की गई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि कड़ी धूप या मौसम के बाहरी प्रभाव से इसके रंग और कार्यक्षमता पर कोई असर न पड़े।

काइलैक की 189 एमएम की ग्राउंड क्लियरेंस से टेस्ट के लिए इसे हर तरह की रुकावट को पार करने में मदद मिली। सभी तरह के ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर अच्छे से चलने का परीक्षण करने के लिए ये टेस्ट किया गया । काइलैक के निर्माण की प्रक्रिया में क्वॉलिटी टेस्ट इसे बहुत सुरक्षित और मजबूत बनाते हैं। इसके अलावा काइलैक के कई गुणवत्तापूर्ण परीक्षण किए जाते हैं, जिससे इस एसयूवी में यात्रियों और ड्राइवरों को सबसे बेहतर सुरक्षा और गतिशीलता मिलती है। इसके छत और बाकी हिस्सों को लेजर से काटा जाता है और गाड़ी को निश्चित आकार में ढालने के लिए रोबोट्स का इस्तेमाल होता है। चेसिस या गाड़ी के ढांचे की माप दो जगहों पर की जाती है। कार की असेंबलिंग करते समय एआई कैमरे गाड़ी के इंजन की सतह की जांच करते हैं ताकि कोई गलती न रह जाए। एसयूवी का स्टील बहुत मजबूत होता है। यह गर्म करके बनाया जाता है। गाड़ी के एक्सिडेंट की स्थिति के लिए इसके क्रैश मैनेजमेंट सिस्टम को फिर से संवारा गया है, जिससे यह सिस्टम दुर्घटना के समय अंदर बैठे लोगों को पूरी तरह सुरक्षित रखना सुनिश्चित करे। इससे काइलैक की श्रेणी में यात्रियों को बेमिसाल और भरपूर सुरक्षा मिलती है।

काइलैक की 189 एमएम की ग्राउंड क्लियरेंस इसे हर तरह की सड़क और रुकावट को आसानी से पार करने में सक्षम बनाती है। इसका ऊबड़-खाबड़ और कठिन रास्तों पर परीक्षण किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह एसयूवी हर स्थिति में अच्छा प्रदर्शन करे। काइलैक की निर्माण प्रक्रिया में बेहद सख्त गुणवत्ता परीक्षण होते हैं, जिससे यह कार मजबूत और सुरक्षित बनती है। इस एसयूवी के विभिन्न हिस्सों को लेजर से काटा जाता है और रोबोट्स का इस्तेमाल करके गाड़ी को सही आकार में ढाला जाता है। गाड़ी की असेंबलिंग के दौरान एआई कैमरे इंजन की सतह की जांच करते हैं ताकि किसी भी गलती की गुंजाइश न रहे। इसके चेसिस (ढांचे) की माप दो जगहों पर की जाती है ताकि सटीकता बनी रहे। काइलैक का स्टील बहुत मजबूत होता है और इसे विशेष गर्म प्रक्रिया से तैयार किया जाता है, जो इसे और ज्यादा टिकाऊ बनाता है। इसमें क्रैश मैनेजमेंट सिस्टम को बेहतर तरीके से डिजाइन किया गया है, ताकि दुर्घटना की स्थिति में गाड़ी के अंदर बैठे लोगों को पूरी सुरक्षा मिले। इस कारण काइलैक यात्रियों को बेमिसाल सुरक्षा प्रदान करती है, जो इसकी श्रेणी की अन्य एसयूवी से बेहतर है।

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