पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग बोले मिल के साथ चलना और मोहब्बत के अलावा और कोई रास्ता नहीं – हिन्दू-मुसलमान का डीएनए एक “ज्ञानवापी या मथुरा देने से समस्या हल हो सकती है तो दे देना उचित”

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH नई दिल्ली, नजीब जंग ने कहा कि भारत तभी तरक्की करेगा, जब हम मिल के साथ चलेंगे. मोहब्बत के अलावा और कोई रास्ता नहीं है l “ज्ञानवापी या मथुरा देने से समस्या हल हो सकती है तो दे देना उचित” पैगंबर मोहम्मद पर भाजपा नेता नुपुर शर्मा और नवीन जिंदल की टिप्पणी के मामले पर इस्लामिक देशों द्वारा विरोध दर्ज किया जा रहा है. पैगंबर के खिलाफ कथित रूप से ‘आहत करने वाली’ टिप्पणी की पाकिस्तान, सऊदी अरब, कतर, कुवैत और ईरान ने निंदा की है. भारतीय जनता पार्टी ने अपने दोनों नेताओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं और दोनों नेताओं ने अपने बयान भी वापस ले लिए हैं. वहीं इस मामले पर दिल्ली के पूर्व उपराज्यपाल नजीब जंग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि अगर मथुरा-ज्ञानवापी देने से समस्या हल हो सकती है तो ये दे देना उचित है.

भाजपा ने ठीक किया कि प्रवक्ताओं को हटाया है. इनके वक्तव्य बचकाने थे . किसी सभ्य समाज में इन शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. इससे लोगों को सबक मिलेगा. ये जो देश हैं, ये मेच्योर देश हैं, ये भी समझेंगे कि सरकार की मजबूरियां होती हैं, कुछ लोग बोलते हैं. मेरा कहना है कि पीएम का कद बहुत ऊंचा है. मैं बार-बार कहता हूं कि हिन्दू-मुसलमान का डीएनए एक है. हमने साथ मिलकर इस मुल्क के लिए खून बहाया है. आपके और मेरे पूर्वज यहां दफनाए गए हैं. यहीं उनकी अर्थियां गंगा में बहाई गई हैं. इनको अलग नहीं किया जा सकता. नजीब जंग ने कहा कि भारत तभी तरक्की करेगा, जब हम मिल के साथ चलेंगे. मोहब्बत के अलावा और कोई रास्ता नहीं है. पिछले 7-8 साल में माइनोरटी में एक संकेत दिया गया है कि आप हमारे साथ शामिल नहीं हैं. इससे इनके विश्वास में झटका लगा है. इनको साथ लेकर चलना ज़रूरी है. इस भावना को धक्का लगा है, इसमें कोई शक नहीं. मथुरा और ज्ञानवापी पर भी बैठ कर बात कर सकते हैं.

उन्होंने बताया कि जो हुआ है और जो हो रहा है ये देश के लिए शर्मनाक है. हमारे मिडल इस्ट से काफी गहरे संबंध रहे हैं. ये जो मुल्क हैं, इनमें पीएम ने जा-जा के देश की छवि सुधारने की कोशिश की है. ताकी, उनमें ये फीलिंग न हो कि भारत इन मुल्कों से अलग है. ये एक संकेत था कि हमारी भावना इन मुल्कों के साथ है. अब जो हुआ, उससे ये संदेश गया कि देश जो रास्ता अपना रहा है जो मुनासिब नहीं है. इससे देश की छवि प्रभावित हुई है.

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