तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैय्यप अर्दोआन ने एक बार फिर स्वीडन और फिनलैंड के नेटो में शामिल होने का विरोध किया

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH तुर्की के राष्ट्रपति रिचेप तैय्यप अर्दोआन ने एक बार फिर स्वीडन और फिनलैंड के नेटो में शामिल होने का विरोध किया है.उन्होंने कहा है कि बीते सप्ताह उन्होंने स्वीडन और फिनलैंड के प्रतिनिधिमंडल से इस पर बात की थी, जो ‘उम्मीद के अनुरूप’ नहीं थी. उन्होंने कहा कि तुर्की नेटो सैन्य गठबंधन में शामिल होने के उनके निवेदन को मंजूर नहीं कर सकता.राष्ट्रपति अर्दोआन ने कहा, “जब तक तैय्यप अर्दोआन तुर्की का राष्ट्रपति रहेगा, ऐसे देशों को नेटो में शामिल होने की मंज़ूरी नहीं दे सकता, जो आतंकवाद का समर्थन करते हैं.”ग़ौरतलब है कि नेटो में शामिल सभी देशों की सहमति के बिना स्वीडन और फिनलैंड इस सैन्य गठबंधन में शामिल नहीं हो सकते.ये दोनों ही देश कुर्द चरमपंथियों को समर्थन देने के आरोपों से इनकार करते हैं. लेकिन सीरिया में कुर्द समूहों के ख़िलाफ़ कार्रवाई के बाद यूरोपीय संघ के देशों के साथ स्वीडन और फिनलैंड ने भी तुर्की पर हथियारों को लेकर प्रतिबंध लगाए थे.यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद इसी साल फिनलैंड और स्वीडन ने नेटो की सदस्यता के लिए औपचारिक तौर पर आवेदन किया था.नेटो में शामिल 30 में से अधिकांश देशों ने इसका स्वागत किया था, लेकिन तुर्की ने ये कहते हुए इसका समर्थन करने से इनकार कर दिया था कि ये दोनों तुर्की के ख़िलाफ़ काम करने वाले ‘आतंकवादियों’ का समर्थन करते हैं.

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