केंद्र व राज्य सरकारों की 300 से भी ज्यादा वेबपोर्टल हैकर्स के कब्जे में : इन पर लगातार ऑनलाइन गेमिंग और क्रिकेट सट्‌टेबाजी के विज्ञापन प्रदर्शित

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH बड़े ही चिंता का विषय है कि आज देश में 21 लाख से भी ज्यादा सरकारी वेबसाइट्स हैं और जिन पर रोज लाखों लोग विजिट करते हैं, ऐसे केंद्र व राज्य सरकारों के ऐसे 300 से भी ज्यादा वेबपोर्टल हैकर्स के कब्जे में हैं। वे इन पर ऑनलाइन गेमिंग और क्रिकेट सट्‌टेबाजी के विज्ञापन दिखाते हैं। जैसे ही कोई इस पर क्लिक करता है तो ये उसे पेमेंट गेटवे से जोड़ देते हैं।

इन यूआरएल का लिंक सोशल मीडिया के जरिए देश के छोटे-छोटे शहरों तक भी भेजा जा रहा है। केंद्र की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सर्ट) ने ऐसी कई वेबसाइट्स चिह्नित की हैं। नकली और मिलावटी सामान के प्रति आगाह करने वाले भारत मानक ब्यूरो का पोर्टल भी इन सटोरियों के हत्थे चढ़ चुका है।

इंडोनेशिया, थाइलैंड और पाक में बैठे स्कैमर इसके जरिये हजारों करोड़ रुपए के दांव लगवा रहे हैं। समस्या यह है कि कई राज्यों को इस तरह की हैकिंग की जानकारी तक नहीं है। मप्र का रेशम संचालनालय, केरल, तेलंगाना व उत्तराखंड सरकार के कई विभाग इससे अनजान हैं। कई सरकारें जानकारी होने के बाद भी तत्काल एक्शन नहीं ले रहीं।

हैकिंग की जानकारी केंद्र की कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सर्ट) के पास भी है। मगर साइबर सिक्योरिटी टीम इसे ठीक करने में जुटती है तो हैकर्स पोर्टल का पूरा डेटा कब्जे में लेकर रैनसमवेयर अटैक कर देते हैं। साइट पर एकत्र डेटा ही एक्सेस नहीं करने देते। सरकार की दर्जनों वेबसाइट रोज रैनसमवेयर की शिकार बन रही l

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