राजकोषीय घाटे को लेकर आर्थिक जानकारों की चिंताएं बरकरार : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा सरकार 2024-25 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के मुकाबले 5.1% करेगी

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करते हुए कहा कि सरकार 2024-25 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के मुकाबले 5.1% करेगी. मौजूदा समय में राजकोषीय घाटा 5.8% है वहीं इस बजट में करदाताओं को कोई नई छूट नहीं दी गई है. यानी इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है. हालांकि स्टार्टअप के लिए टैक्स छूट एक साल के लिए बढ़ाई गई है.

बैंक बाज़ार डॉटकॉम के सीईओ आदिल शेट्टी के मुताबिक, पिछले साल की बजट घोषणाओं ने ज़्यादा से ज़्यादा वार्किंग पॉप्यूलेशन को कवर करने की कोशिश की थी.

“लेकिन रिपोर्टों के अनुसार लोग अभी भी पुरानी टैक्स प्रणाली में भरोसा रख रहे हैं और इसमें होम लोन ब्याज पर छूट, टैक्स सेविंग्स के लिए निवेश करना, पारिवारिक हेल्थ बीमा और रिटायरमेंट के लिए बचत जैसी अहम चीज़ें शामिल हैं.”

“अगर टैक्स स्लैब की बात करें तो पिछले 11 साल से इसमें कोई बदलाव तो नहीं आया है और अंतरिम बजट में इसमें बदलाव की उम्मीद भी नहीं थी.”

सत्ता में वापसी का भरोसा : मुंबई स्थित प्रभुदास लीलाधर के रिसर्च एनॉलिस्ट अमित अनवानी ने कहा, “ऐसा लगता है कि चुनाव बाद सत्ता में फिर से आने की उम्मीद में सरकार आगामी पूर्ण बजट के लिए अवसरों को बचा कर रखना चाहती है.”

वहीं राजकोषीय घाटे को लेकर आर्थिक जानकारों की चिंताएं अभी भी बरकरार है :

मूडी के सीनियर प्रेसिडेंट क्रिश्चियन डी गुज़मान ने कहा, “यह ध्यान रखने की ज़रूरत है कि केंद्रीय बजट का एक बहुत बड़ा हिस्सा ब्याज चुकाने में जा रहा है. और कर्ज़ सामर्थ्य में कोई बहुत महत्वपूर्ण सुधार नहीं हुआ है.”

एचडीएफ़सी बैंक की प्रिंसिपल इकोनॉमिस्ट साक्षी गुप्ता का कहना है कि ‘राजकोषीयघाटे को कम करने की सरकार की सोच स्वागतयोग्य है और 2024-25 के लिए उम्मीद से कम बाज़ार कर्ज, बांड मार्केट के लिए अच्छा कदम है.’

मुंबई के नेक्सडाइम में इंडायरेक्ट टैक्स के डायरेक्टर संजय छाबड़िया ने कहा, “राजकोषीय घाटे की पूरी तस्वीर जुलाई 2024 में स्पष्ट होगी. इस समय सरकार इसे संतुलित करने की कोशिश कर रही है. अंतरिम बजट में उद्योगों की उम्मीद के अनुसार कोई अप्रत्यक्षकर सुधार नहीं किया गया है. अब उद्योग को अगले बजट का इंतज़ार रहेगा.”

मुंबई में एलारा कैपिटल की इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज़ में अर्थशास्त्री गरिमा कपूर ने कहा, “चुनावी मजबूरियों को संतुलित करते हुए यह बजट सभी महत्वपूर्ण सेक्टरों में तालमेल बिठाने वाला है.”

सैटर्न कंसल्टिंग ग्रुप के मैनेजिंग पार्टनर, निशांत खेमानी ने कहा कि जैसी उम्मीद थी, वित्त मंत्री ने टैक्स बदलावों को लेकर यथास्थिति बनाए रखी. मई 2024 में आम चुनावों के बाद जुलाई में पेश होने वाले पूर्ण केंद्रीय बजट में कराधान क़ानूनों में बड़े बदलाव की हम उम्मीद कर सकते हैं.

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