मन की बात की 108वीं कड़ी : प्रधानमंत्री के सम्बोधन को छत्तीसगढ़ विषेश के साथ देखे लाइव l
मन की बात की 108वीं कड़ी में प्रधानमंत्री के सम्बोधन
मेरे प्यारे देशवासियो, नमस्कार। ‘मन की बात’ यानि आपके साथ मिलने का एक शुभ अवसर, और अपने परिवारजनों के साथ जब मिलते हैं, तो वो, कितना सुखद होता है, कितना संतोषदायी होता है। ‘मन की बात’ के द्वारा आपसे मिलकर, मैं, यही अनुभुति करता हूँ, और आज तो, हमारी साझा यात्रा का ये 108वाँ एपिसोड है। हमारे यहाँ 108 अंक का महत्व, उसकी पवित्रता, एक गहन अध्ययन का विषय है। माला में 108 मनके, 108 बार जप, 108 दिव्य क्षेत्र, मंदिरों में 108 सीढ़ियाँ, 108 घंटियाँ, 108 का ये अंक असीम आस्था से जुड़ा हुआ है। इसलिए ‘मन की बात’ का 108वाँ episode मेरे लिए और खास हो गया है। इन 108 episodes में हमने जनभागीदारी के कितने ही उदाहरण देखे हैं, उनसे प्रेरणा पाई है। अब इस पड़ाव पर पहुँचने के बाद, हमें नए सिरे से, नई ऊर्जा के साथ और तेजगति से, बढ़ने का, संकल्प लेना है। और ये कितना सुखद संयोग है कि कल का सूर्योदय, 2024 का, प्रथम सूर्योदय होगा – हम वर्ष 2024 में प्रवेश कर चुके होंगे। आप सभी को 2024 की बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
साथियो, ‘मन की बात’ सुनने वाले कई लोगों ने मुझे पत्र लिखकर अपने यादगार पल साझा किए हैं। ये 140 करोड़ भारतीयों की ताकत है, कि इस वर्ष, हमारे देश ने, कई विशेष उपलब्धियाँ हासिल की हैं। इसी साल ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ पास हुआ, जिसकी प्रतीक्षा बरसों से थी। बहुत सारे लोगों ने पत्र लिखकर, भारत के 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने पर, खुशी जाहिर की। अनेक लोगों ने मुझे G20 Summit की सफलता याद दिलाई। साथियो, आज भारत का कोना-कोना, आत्मविश्वास से भरा हुआ है, विकसित भारत की भावना से, आत्मनिर्भरता की भावना से, ओत-प्रोत है। 2024 में भी हमें इसी भावना और momentum को बनाए रखना है। दिवाली पर record कारोबार ने ये साबित किया कि हर भारतीय ‘Vocal For Local’ के मंत्र को महत्व दे रहा है।
साथियो, आज भी कई लोग मुझे चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर सन्देश भेजते रहे हैं। मुझे विश्वास है कि मेरी तरह, आप भी, हमारे वैज्ञानिकों और विशेषकर महिला वैज्ञानिकों को लेकर गर्व का अनुभव करते होंगे।
साथियो, जब नाटू-नाटू को Oscar मिला तो पूरा देश खुशी से झूम उठा। ‘The Elephant Whisperers’ को सम्मान की बात जब सुनी तो कौन खुश नहीं हुआ। इनके माध्यम से दुनिया ने भारत की creativity को देखा और पर्यावरण के साथ हमारे जुड़ाव को समझा। इस साल sports में भी हमारे एथलीटों ने जबरदस्त प्रदर्शन किया। Asian Games में हमारे खिलाड़ियों ने 107 और Asian Para Games में 111 medal जीते। Cricket World Cup में भारतीय खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया। Under-19 T-20 World Cup में हमारी महिला क्रिकेट टीम की जीत बहुत प्रेरित करने वाली है। कई खेलों में खिलाड़ियों की उपलब्धियों ने देश का नाम बढ़ाया। अब 2024 में Paris Olympic का आयोजन होगा, जिसके लिए पूरा देश अपने खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा रहा है।
साथियो, जब भी हमने मिलकर प्रयास किया, हमारे देश की विकास यात्रा पर बहुत सकारात्मक प्रभाव हुआ। हमने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ और ‘मेरी माटी मेरा देश’ ऐसे सफल अभियान का अनुभव किया। इसमें करोड़ों लोगों की भागीदारी के हम सब साक्षी हैं। 70 हज़ार अमृत सरोवरों का निर्माण भी हमारी सामूहिक उपलब्धि है|
साथियो, मेरा ये विश्वास रहा है कि जो देश Innovation को महत्व नहीं देता, उसका विकास रुक जाता है। भारत का Innovation Hub बनना, इस बात का प्रतीक है कि हम रुकने वाले नहीं हैं। 2015 में हम Global Innovation Index में 81वें rank पर थे – आज हमारी rank 40 है। इस वर्ष भारत में फाइल होने वाले patents की संख्या ज्यादा रही है, जिसमें करीब 60% domestic funds के थे। QS Asia University Ranking में इस बार सबसे अधिक संख्या में भारतीय university शामिल हुई है। अगर इन उपलब्धियों की list बनाना शुरू करें तो ये कभी पूरी ही नहीं होगी। ये तो सिर्फ झलक है, भारत का सामर्थ्य कितना प्रभावी है – हमें देश की इन सफलताओं से, देश के लोगों की इन उपलब्धियों से, प्रेरणा लेनी है, गर्व करना है, नए संकल्प लेने हैं। मैं एक बार फिर, आप सबको, 2024 की शुभकामनाएं देता हूँ।
मेरे परिवारजनों, हमने अभी भारत को लेकर हर तरफ जो आशा और उत्साह है उसकी चर्चा की – ये आशा और उम्मीद बहुत अच्छी है। जब भारत विकसित होगा तो इसका सबसे अधिक लाभ युवाओं को ही होगा। लेकिन युवाओं को इसका लाभ तब और ज्यादा मिलेगा, जब वो Fit होंगे। आजकल हम देखते हैं कि Lifestyle related Diseases के बारे में कितनी बातें होती हैं, यह हम सभी के लिए, खासकर युवाओं के लिए, ज्यादा चिंता की बात है। इस ‘मन की बात’ के लिए मैंने आप सभी से Fit India से जुड़े Input भेजने का आग्रह किया था। आप लोगों ने जो Response दिया, उसने मुझे उत्साह से भर दिया है। NaMo App पर बड़ी संख्या में मुझे Startups ने भी अपने सुझाव भेजे हैं, उन्होंने, अपने कई तरह के अनूठे प्रयासों की चर्चा की है।
साथियो, भारत के प्रयास से 2023 को International Year of Millets के रूप में मनाया गया। इससे इस क्षेत्र में काम करने वाले Startups को बहुत सारे अवसर मिले हैं, इनमें, लखनऊ से शुरू हुए ‘कीरोज फूड्स’ प्रयागराज के ‘Grand-Maa Millets’ और ‘Nutraceutical Rich Organic India’ जैसे कई Start-up शामिल हैं। Alpino Health Foods’ ‘Arboreal’ और ‘Keeros Food’ से जुड़े युवा healthy food के options को लेकर नए-नए Innovation भी कर रहे हैं। बेंगलुरु के Unbox Health से जुड़े युवाओं ने ये भी बताया है, कि कैसे, वे, लोगों को उनकी पसंदीदा Diet चुनने में मदद कर रहे हैं। Physical Health को लेकर दिलचस्पी जिस तरह से बढ़ रही है, उससे इस क्षेत्र से जुड़े Coaches और Trainers की Demand भी बढ़ रही है। “JOGO technologies” जैसे Startups इस मांग को पूरा करने में मदद कर रहे हैं।
साथियो, आज Physical Health और well-being की चर्चा तो खूब होती है, लेकिन इससे जुड़ा एक और बड़ा पहलू है Mental Health का। मुझे यह जानकार बहुत ख़ुशी हुई है कि मुंबई के “इन्फ़ी-हील”, और “YourDost” जैसे Startups, Mental Health और Well-being को Improve करने के लिए काम कर रहे हैं। इतना ही नहीं, आज इसके लिए Artificial Intelligence जैसी Technology का इस्तेमाल भी किया जा रहा है। साथियो, मैं यहाँ कुछ ही Startups का नाम ले सकता हूँ, क्योंकि, List बहुत लम्बी है। मैं आप सभी से आग्रह करूँगा कि Fit India के सपने को साकार करने की दिशा में innovative Health care Startups के बारे में मुझे जरुर लिखते रहें। मैं आपके साथ Physical और Mental Health के बारे में बात करने वाले जाने-माने लोगों के अनुभव भी साझा करना चाहता हूँ।
ये पहला Message सद्गुरु जग्गी वासुदेव जी का है।
ये Fitness, विशेष रूप से Fitness of the Mind, यानी, मानसिक स्वास्थ्य को लेकर अपने विचार साझा करेंगे।
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इस मन की बात में मन के स्वास्थ्य पर बात करना हमारा सौभाग्य है। Mental illnesses and how we keep our neurological system are very directly related. How alert static free and disturbance free we keep neurological system will decide how pleasant we feel within ourselves? What we call as peace, love, joy, blissfulness, agony, depression, ecstasies all have a chemical and neurological basis. Pharmacology is essentially trying to fix the chemical imbalance within the body by adding chemicals from outside. Mental illnesses are being managed this way but we must realise that taking chemicals from outside in the form of medications is necessary when one is in extreme situation. Working for an internal mental health situation or working for an equanimous chemistry within ourselves, a chemistry of peacefulness, joyfulness, blissfulness is something that has to be brought into every individual’s life into the cultural life of a society and the Nations around the world and the entire humanity. It’s very important we understand our mental health, our sanity is a fragile privilege- we must protect it, we must nurture it. For this, there are many levels of practices in the Yogik system completely internalize processes that people can do as simple practices with which they can bring certain equanimity to their chemistry and certain calmness to their neurological system. The technologies of inner wellbeing are what we call as the Yogik sciences. Let’s make it happen.
सामान्य तौर पर सद्गुरु जी ऐसे ही बेहतरीन तरीके से अपनी बातों को सामने रखने के लिए जाने जाते हैं।
आइए, अब हम जानी-मानी Cricket खिलाड़ी हरमनप्रीत कौर जी को सुनते हैं।