आरटीआइ में सीसीटीवी फुटेज से अब मना नहीं कर सकती पुलिस : थानों में सीसीटीवी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के उल्लंघन पर सूचना आयुक्त ने चिंता जताई

आरटीआइ के अधीन है सीसीटीवीसूचना आयुक्त ने सीसीटीवी फुटेज की व्याख्या कर कहा, फुटेज डीवीआर में संधारित होने से सूचना का अधिकार अधिनियम अधीन है। यह रिकॉर्ड की श्रेणी में है। संरक्षण के लिए अधिनियम की धारा 19 (8) (4) के तहत प्रबंधन व रिकॉर्ड के प्रबंधन व संधारण का अधिकार आयोग को है।

थानों में सीसीटीवी को लेकर सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के उल्लंघन पर सूचना आयुक्त ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा, शीर्ष कोर्ट के आदेश है कि फुटेज 6 माह तक सुरक्षित रखे जाएं। कोर्ट की यह अनदेखी करना चिंताजनक है। उन्होंने कहा, अब कोई लोक सूचना अधिकारी सीसीटीवी फुटेज के संबंध में देर से आवेदन का निराकरण करेगा या फुटेज नष्ट होने की बात कहेगा तो दंडनीय होगा।

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH : रायपुर /भोपाल. हिरासत में मारपीट, अभद्रता के मामले में आमजन के पास सीसीटीवी ही एकमात्र प्रमाण होता है, लेकिन लोगों को फुटेज नहीं मिलते। अब सीसीटीवी फुटेज आरटीआइ से लिए जा सकेंगे।

राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने शिवपुरी के शिशुपाल जाटव के मामले की सुनवाई कर कहा, सीसीटीवी आरटीआइ के अधीन है। इसे देने से पुलिस मना नहीं कर सकती। उन्होंने डीजीपी को निर्देशित किया, सभी थानों में लगे सीसीटीवी “के लिए आरटीआई आवेदन दायर होते ही फुटेज को सुरक्षित रखने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

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