जो लोग विदेश जाकर सेक्स चेंज करवाते हैं उनके लिए नया पासपोर्ट जारी करने के लिए नई नीति बनानी चाहिए : भारतीय विदेश मंत्रालय

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH : भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिल्ली हाई कोर्ट को बताया है कि जो लोग विदेश जाकर सेक्स चेंज करवाते हैं उनके लिए नया पासपोर्ट जारी करने के लिए नई नीति बनानी चाहिए

विदेश मंत्रालय का कहना था कि जो लोग विदेश जाकर सेक्स चेंज की मेडिकल प्रक्रिया कराते हैं उनकी सर्जरी के बाद बॉयोमेट्रिक्स में बदलाव नहीं आता है लेकिन उनकी पहचान की जांच के लिए नई नीति विकसित करने के लिए उन्हें समय चाहिए.

दरअसल इस संबंध में एक ट्रांसजेंडर महिला ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका डाली थी l इस याचिका में उन्होंने अपने बदले हुए नाम, लिंग और फोटो के साथ पासपोर्ट दोबारा जारी करने की गुज़ारिश की थी.याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दी गई अपनी जानकारी में जन्म से अपनी पहचान पुरुष बताई थी.

बॉर एंड बेंच पर छपी जानकारी के अनुसार वे भारत में पढ़ाई करने के बाद रोज़गार के लिए अमेरिका चली गईं.इसके बाद उन्होंने साल 2016 से 2022 के बीच लिंग परिवर्तन के लिए सर्जरी कराई.बॉर एंड बेंच पर छपी जानकारी के मुताबिक क़ानूनी तौर पर अपना नाम और लिंग परिवर्तन के बाद अपनी नई पहचान को दस्तावेज़ों में शामिल करने के लिए इस ट्रांसजेंडर महिला ने अमेरिका में अदालत का दरवाज़ा खटखटाया.

बॉर एंड बेंच के अनुसार अमेरिका की अदालत ने उन्हें दस्तावेज़ों में ये बदलाव करने की इजाजत मिल गई.इस ट्रांसजेंडर को अमेरिका में दस्तावेजों में अपना नाम और अपीयरेंस को लेकर नए दस्तावेज तो मिल गए लेकिन पासपोर्ट में उनकी पहचान पुरुष के तौर पर ही थी.

इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट की वकील अरूंधति काटजू कहती हैं, ”इस ट्रांसजेंडर महिला को अपने नाम, जेंडर और अपीयरेंस(रुप) को लेकर पासपोर्ट बनाने में परेशानी आ रही थी. उन्होंने इसी साल 2023 में हाई कोर्ट में याचिका डाली थी.”वे कहती हैं, ”कोर्ट ने इस मामले में संबंधित मंत्रालयों से पूछा कि अगर ट्रांसजेंडर व्यक्ति देश के बाहर जाकर सेक्स सर्जरी कराते हैं तो उनके नाम, जेंडर में बदलाव की वजह से पासपोर्ट बनाने में दिक्कत आती है. अदालत ने पूछा कि इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार क्या कर सकती है

वे बताती है कि इस संबंध में दिल्ली हाई कोर्ट ने विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय के साथ साथ सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय को भी पार्टी बनाया है. विदेश मंत्रालय ने अदालत को बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के ब्यूरो ऑफ़ इमिग्रेशन(बीओआई) की ओर से एक सुझाव आया है.

सुझाव में सेक्स चेंज के लिए की गई ऐसी मेडिकल सर्जरी में बॉयोमेट्रिक्स में बदलाव नहीं होता है इसलिए विदेश मंत्रालय को एक नीति तैयार करनी चाहिए.नीति में इन लोगों को नया पासपोर्ट जारी करने से पहले उनकी पहचान की जांच का प्रावधान होना चाहिए.

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