सड़क पर पड़े नोट को पुलिस ने उठाने से, पहले कोरोना के डर से किया सेनेटाइज

 

रिपोर्ट मनप्रीत सिंह 

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रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष ;  

कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप पूरे देश में फैल रहा है। लॉकडाउन के कारण लोग घरों में तो कैद हैं हीं, लेकिन कोरोना का डर उनके मन में समा गया है। कोरोना के डर से लोग सड़क पर पड़े नोट भी उठाने से डर रहे हैं।

गुरुवार को यहां 50, 100 और 500 के नोट सड़क पर बिखरे पड़े रहे, लेकिन लोग उसे देखकर आगे बढ़ते गए। कोई भी इन नोटों को उठाने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा था। अंत में पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस यहां पहुंची जरुर लेकिन नोट उठाने से पहले उन्हें सेनेटाइज किया गया। बता दें कि ये करीब चार हजार रुपए के नोट थे और इन्हें प्लास्टिक के लिफाफे में बंद कर रखा गया था।

मामला मोहाली के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक निवास के पास फेज 3 ए की डिवाइडिंग रोड का है। यहां ये नोट बिखरे पड़े थे। यहीं एक स्कूल में सिक्यूरिटी गार्ड लखनपाल सुबह 7 बजे ड्यूटी पर जा रहा था। उसकी नजर सबसे पहले लिफाफा बंद नोटों पर पड़ी। लेकिन कोरोनो के डर से उसने इन्हें नहीं उठाया। इसके बाद उसने पुलिस कंट्रोल रूम कॉल किया तो किसी ने फोन नहीं उठाया। इसके बाद सिक्यूरिटी गार्ड ने किसी तरह मटौर थाने के एसएचओ राजीव कुमार को इसकी जानकारी दी।

इस पर ASI सुरजीत के नेतृत्व में पुलिस थाने का बल मौके पर पहुंचा। पुलिस कर्मियों ने भी आसपास पूछताछ करने के बाद पहले नोटों को सेनेटाइज किया और अपने कब्जे में लिया। पुलिस का कहना है कि कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर दिल्ली के निजामुद्दीन के जमात से लौटे युवक की वीडियो वायरल हुई थी, जिसमें वो नोटों पर थूक लगाकर सड़क पर फेंक रहा था। युवक खुद को कोरोना पॉजिटिव बता रहा था। वीडियो को देखकर बहुत सारे लोगों में डर बैठ गया है। एसएचओ राजीव कुमार ने बताया कि जांच की जा रही है कि यह किसी की शरारत है या वाकई किसी के रुपये गिर गए। स्वास्थ्य विभाग को जानकारी दे दी गई है। जरूरी हुा तो इन नोटों को डिस्ट्रॉय किया जाएगा।

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