महाराष्ट्र-आंध्रप्रदेश से आए मजदूरों का दल – आधी रात पुलिस और प्रशासन की आंखों में धूल झोंककर हुआ फरार
रिपोर्ट मनप्रीत सिंग
नगरवासियों ने कराया भोजन
मामले की जानकारी मिलते ही नगर के कई प्रमुख जनप्रतिनिधियों ने वन विभाग के नाके के पास जाकर इन लोगों का हालचाल जाना। नगर पंचायत अध्यक्ष लोकेश्वरी गोपी साहू, उपाध्यक्ष विद्या शर्मा, एल्डरमैन संजय गुप्ता, नंदकिशोर तिवर, जशराज शर्मा, रामगुलाल सिन्हा आदि वहां मौजूद रहे। एक जनप्रतिनिधि ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ. भंडारी व अन्य स्टाफ एवं पुलिस के जवान भी वहां पहुंच गए। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। एक नगरवासी ने उनके लिए भोजन का प्रबंध किया। इसके बाद सभी अपने घरों को आ गए।
डौंडीलोहारा तहसीलदार रामरतन दुबे ने बताया कि शनिवार रात 8 श्रमिकों का दल महाराष्ट्र व आंध्रप्रदेश से बालोद जिले में आया, जिन्हें डौंडीलोहारा में ट्रेस किया गया। इनमें 2 लोग पास के ही ग्राम सेमहरडीह के थे। 5 बिलासपुर, 1 कोरबा जिले के थे। कुछ लोग डरे हुए थे। खाना खाने को भी तैयार नहीं थे। इसके बाद खाना खाने के बाद बिलासपुर व कोरबा के 6 लोगों को स्थानीय मिडिल स्कूल में रुकवाया गया। यहीं उनके खान पान व अन्य जरूरी चीजों की व्यवस्था करने की बात कही गई। लेकिन उनकी सुरक्षा या देखरेख के लिए व्यवस्था नहीं की गई। बाद में सुबह पता चला कि सभी वहां से चले गए है। अब वे किस रास्ते गए, इसकी अधिकारियों को जानकारी नहीं है।
दो लोग 28 दिनों तक घर में ही रहेंगे
पूरे घटनाक्रम के दौरान वहां मौजूद एक जनप्रतिनिधि ने बताया कि डॉक्टर ने पास के ग्राम के दो लोगों को घर पर ही अलग कमरे में 28 दिनों तक रहने, किसी बाहरी के संपर्क में नहीं आने, इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की हिदायत दी। जिसके बाद सभी श्रमिक रात में ही वहां से चले गए। एसडीएम, डौंडीलोहारा ने बताया कि ग्राम खोलझर के पास सभी श्रमिकों के होने की सूचना मिली थी। उन्हें स्कूल में रोका गया। भोजन की व्यवस्था भी की गई। इनमें से दो को होम आइसोलेशन में रखा गया है। अन्य श्रमिक बिना जानकारी दिए चले गए। हर जगह पुलिस की व्यवस्था करनी पड़ रही है। ऐसी घटना रोकने गार्ड की व्यवस्था करनी पड़ी तो करेंगे।
अपर कलेक्टर एक बाजपेयी बालोद ने बताया कि मामले में कोई जानकारी नहीं थी। आपके माध्यम से जानकारी मिल रही है। मामला गंभीर है। दूसरे राज्यों से श्रमिक बॉर्डर पार कैसे कर रहे यह चिंता का विषय है। यदि सभी श्रमिकों तक अधिकारी पहुंच गए थे तो उन्हें पुलिस की सुरक्षा के बीच क्वारेंटाइन करना था। मामले में संज्ञान लिया जाएगा। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डौंडीलोहारा डॉ. भंडारी ने बताया कि देर रात बीएमओ के आदेश पर श्रमिकों को देखा गया। उनमें कोरोना के लक्षण नहीं मिले हैं। इस के पूर्व भी वो एक जगह चेकअप कराकर आए थे। चेकअप के समय वहां पुलिस के जवान मौजूद थे।उसके बाद उन्हें कहां ले गए इसकी जानकारी नहीं है। जब टीम उनका चेकअप कर रही थी, तब कोई भी बड़ा प्रशासनिक अधिकारी मौजूद नहीं था। तहसीलदार आरआर दुबे डौंडीलोहारा ने बताया कि श्रमिकों को अस्थाई रूप से स्थानीय मिडिल स्कूल में रुकने कहा गया था। सुबह जानकारी मिली कि वे सभी चले गए हैं।