बिलासपुर HC में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा व जस्टिस गौतम भादुड़ी की DB ने की सुनवाई, कोर्ट ने कोरोना जांच के लिए बिलासपुर में लैब खोलने का आदेश साथ ही मरकज से लौटे लोगों को ब्यौरा मांगा
रिपोर्ट मनप्रीत सिंग
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (High Court of Chhattisgarh) ने कोराेनावायरस (Coronavirus) की जांच के लिए बिलासपुर (Bilaspur) में टेस्टिंग लैब खोलने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को तीन दिन में इसे मंजूरी देने को कहा है। वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए जस्टिस प्रशांत मिश्रा (Justice Prashant Mishra) और जस्टिस गौतम भादुड़ी (Justice Goutam Bhaduri) ने लैब खोलने के आदेश जारी किए हैं।
बिलासपुर हाईकोर्ट में वीडियो कांफ्रेंसिंग से जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा व जस्टिस गौतम भादुड़ी की डिवीजन बेंच ने सुनवाई की। कोर्ट ने कोरोना जांच के लिए 3 दिन में बिलासपुर में लैब खोलने के आदेश दिए हैं। साथ ही मरकज से लौटे लोगों को ब्यौरा मांगा है।
साथ ही कोर्ट ने दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज (Nizamuddin Markaz) से प्रदेश में लौटे सभी लोगों का जिलेवार ब्यौरा मांगा है। सरकार की ओर से शराब दुकानें और बार खोलने के लिए गठित समिति को निरस्त कर दिया है।
लॉ स्टूडेंट के पत्र को हाईकोर्ट में जनहित याचिका (Writ Petition) के रूप में स्वीकार किया। इसमें कहा गया कि बिलासपुर (Bilaspur) जोन में कोरबा (Korba) का कटघोरा (Katghora) आता है। प्रदेश में सबसे ज्यादा संक्रमित यहीं मिले हैं। अंबिकापुर (Ambikapur) भी पास में है। इनके बीच कोई लैब नहीं है। ऐसे में बिलासपुर में लैब होनी चाहिए। इस पर वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए जस्टिस प्रशांत मिश्रा और जस्टिस गौतम भादुड़ी ने लैब खोलने के आदेश जारी किए हैं।
अधिवक्ता गौतम खेत्रपाल ने याचिका में कहा कि मकरज से लौटे लोगों ने कार्यक्रम भी अटेंड किए हैं। उनसे लोग संपर्क में रहे हैं। इसके बाद कोर्ट ने सभी नाम-पते के साथ जिलेवार जानकारी राज्य सरकार से तलब की है। साथ ही राज्य के विभिन्न जिलों में लौटे जमातियों के बारे में डीजीपी और स्वास्थ्य विभाग के सचिव को आदेश दिया है कि वे कोर्ट को यह भी बताएंग कि जो मकरज से लौटे हैं उनके संपर्क में कौन कौन लोग हैं। साथ ही हाईकोर्ट ने बेवरेज कारपोरेशन के 2 अप्रैल को जारी आदेश को निरस्त कर दिया है। कारपोरेशन ने शराब दुकान खोलने और शराब बेचने के लिए समिति का गठन किया था। इस आदेश के बाद गठित समिति अपने आप निकृत हो गई। लॉकडाउन के दौरान शराब बेचने के लिए स्थिति देखने इस समिति का गठन किया गया था। मामले की अगली सुनवाई अब 17 अप्रैल को होगी।