मणिपुर में पिछले दो महीनों से जारी हिंसा के बीच फ़ेक न्यूज़ और गलत जानकारियां का बाजार गरम : स्थिति को नियंत्रित करने प्रयास तेज, सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियां तैनात

मणिपुर में पिछले दो महीनों से जारी हिंसा के बीच फ़ेक न्यूज़ और गलत जानकारियां तेज़ी से फैल रही हैं, इनका असर मणिपुर के ज़मीनी हालात पर पड़ रहा है. मणिपुर में जारी हिंसा की जांच कर रहे एक शीर्ष अधिकारी का कहना है कि कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड करवाने का वीडियो सामने आने के बाद से सरकार पर काफी दबाव बना है.इस अधिकारी ने अपना नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि केंद्र और मणिपुर सरकार ने प्रदेश में जारी हिंसा को नियंत्रित करने के लिए अब अपने प्रयास तेज कर दिए है.इस बीच कानून- व्यवस्था में सुधार करने के लिए सरकार ने सुरक्षा बलों की कई और अतिरिक्त कंपनियां मणिपुर में तैनात की है.

जबकि कुकी जनजाति और मैतेई समुदाय के बीच 03 मई से भड़की इस जातीय हिंसा को नियंत्रित करने के लिए राज्य में पहले से करीब 40 हजार सुरक्षा जवान तैनात है. कई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि गृह मंत्रालय ने मणिपुर के वायरल वीडियो मामले को सीबीआई को भेजने का फैसला किया है.

इसके साथ ही केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर वायरल वीडियो मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने का अनुरोध करेगी. दरअसल, इससे पहले मणिपुर में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से प्रदेश में जातीय हिंसा को रोकने के लिए किए गए उपायों पर विस्तृत स्थिति रिपोर्ट मांगी थी.

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कहा था कि इसमें पुनर्वास शिविर, कानून व्यवस्था और हथियारों की बरामदगी जैसे विवरण होने चाहिए. कहा जा रहा है कि कानून-व्यवस्था में तेजी से सुधार के लिए सरकार ने करीब 35 हजार अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों की बहाली की है जिनमें सेना से लेकर सीआरपीएफ, सीआईएसएफ,सीआरपीएफ के जवान शामिल हैं.

राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा जवानों की तैनाती के बारे में जांच अधिकारी ने बताया, 35 हजार जवानों की संख्या का सही आंकड़ा फिलहाल कंफर्म नहीं कर सकता. लेकिन बीते एक हफ्ते से कई किस्तों में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की कई कंपनियों की बहाली हुई है. इन जवानों को अलग-अलग जगहों से यहां भेजा जा रहा है.अब सरकार स्थिति को काबू करने का पूरा प्रयास कर रही है. जो नुकसान होना था हो चुका है लेकिन अब सरकार कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार करने का हर संभव प्रयास करती दिख रही है.

हालांकि सेना के एक जन संपर्क अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल अमित शुक्ला ने संपर्क करने पर केवल इतना कहा कि यह शायद अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती हो सकती है.अगर सेना की तैनाती होगी तो जरूर बताया जाएगा. इस बीच मणिपुर पुलिस ने कांगपोकपी जिले के सपेरमेना में रैपिड एक्शन फोर्स की दो बसों को जलाने के मामले में गुरुवार को एक किशोर सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है. मंगलवार को कुछ प्रदर्शनकारियों इंफाल-दीमापुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर सपेरमेना में सुरक्षाबलों की दो बसों में आग लगा दी थी.

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