RBI गवर्नर शक्तिकांत बोले-भारतीय अर्थव्यवस्था के 2021-22 में वापसी करने के आसार,आर्थिक मोर्चे पर राहत का एलान
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कोविड-19 महामारी के चलते पैदा हुई परिस्थितियों पर आरबीआई नजर रखे हुए है. आरबीआई ने वित्तीय संस्थानों के लिए 50,000 करोड़ रुपये का पैकेज दिया. साथ ही रिवर्स रेपो रेट को 25 आधार अंक घटाया, ताकि बैंक निवेश बढ़ाएं. आरबीआई ने रिवर्स रेपो दर 4% से घटाकर 3.75% की. फिलहाल डिविडेंड पेआउट बैंक नहीं देंगे. रेपो रेट में बदलाव नहीं है. RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ”महामारी के प्रकोप के दौरान सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए बैंकों, वित्तीय संस्थानों ने विशेष तैयारी की हैं. भारत के लिए आईएमएफ का जीडीपी वृद्धि अनुमान 1.9 प्रतिशत है, जो जी20 देशों में सबसे अधिक है. इसके अलावा RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था के 2021-22 में वापसी करने के आसार है.
आरबीआई गवर्नर ने आईएमएफ के अनुमानों का हवाला देते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में 2021-22 में तेजी से सुधार की उम्मीद है. फरवरी के आईआईपी आंकड़ों में कोविड-19 के प्रभाव समाहित नहीं. आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मार्च में ऑटोमोबाइल उत्पादन, बिक्री में तेज गिरावट, बिजली मांग भी तेजी से घटी है. मार्च में निर्यात 34.6% घटा, जो 2008-09 के वैश्विक वित्तीय संकट की तुलना में कहीं अधिक है.”
शक्तिकांत दास ने कहा, ”केंद्रीय बैंक के कदमों से बैंकिंग प्रणाली में नकदी की स्थिति में सुधार आया है, यह बढ़ी है. आरबीआई प्रणाली में पर्याप्त तरलता बनाए रखने, बैंक ऋण प्रवाह को आसान बनाने, वित्तीय दबाव को कम करने के लिए नए उपायों की घोषणा करेगा.”
शक्तिकांत दास ने कहा कि 50,000 करोड़ रुपये की राशि के साथ एलटीआरओ-2.0 शुरू होगा. नाबार्ड, सिडबी, एनएचबी जैसे वित्तीय संस्थानों को 50,000 करोड़ रुपये की विशेष वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी. नाबार्ड, सिडबी और नेशनल हाउसिंग बैंक के लिए आरबीआई ने राहत की घोषणा की नाबार्ड को 25000 करोड़ रुपये की मदद, सिडबी को 15000 करोड़ रुपयेऔर नेशनल हाउसिंग बैंक को 10,000 करोड़ की मदद दी जाएगी