धड़कन नहीं मिलने पर डाॅक्टर्स ने कराई डिलीवरी, बच्चा देख हुए हैरान

रिपोर्ट मनप्रीत सिंह

रायपुर छत्तीसगढ विशेष : छत्तीसगढ में दुर्ग जिला अस्पताल में एक महिला ने दो सिर और एक धड़ वाले बच्चे को जन्म दिया। हालांकि जन्म से पहले ही बच्चे की मौत हो चुकी थी। डॉक्टरों ने बताया कि सोनोग्राफी के दौरान डॉक्टर ने अबॉर्शन कराने की सलाह दी थी, लेकिन दंपति ने ऐसा नहीं किया। फिलहाल महिला की हालत ठीक है और वह अस्तपाल में भर्ती है।निकुम के आम्टी गांव निवासी सात माह की गर्भवती 24 वर्षीय दामिन बाई को परिजन जच्चा बच्चा अस्पताल लेकर आए थे। चेकअप में धड़कन नहीं मिलने और पूर्व की सोनोग्राफी में ट्विन बेबी का जिक्र था। ऐसे में ऑन ड्यूटी डॉ. ममता पांडेय ने सीजर करने का निर्णय लिया। ऑपरेशन के बाद पता चला कि बच्चे के दो सिर और एक धड़ थे। बच्चे की गर्भ में ही मौत हो गई थी। डॉ. ममता पांडेय ने बताया कि गर्भवती महिला के परिजनों ने पहले की सोनोग्राफी रिपोर्ट पर ध्यान नहीं दिया। जन्मजात विकृति वाले इस बच्चे को कंटीन्यू नहीं करने का निर्णय वे ले सकते थे। सोनोग्राफी को देखने वाले डॉक्टर ने उनको उसी वक्त अल्प विकसित बच्चे की जानकारी दी थी। साथ ही इसे हटाने के लिए कहा था। विशेषज्ञ डॉ. स्वाति राय के अनुसार पैदा होने वाले दो बच्चों का शरीर आपस में जुड़ा होना हो या दो सिर एक धड़ होना, ऐसे सभी केस को जन्म जात विकृति मानते हैं। हर गर्भवती की तीन सोनोग्राफी क्रमश: 6 से 8 सप्ताह, 18 से 24 सप्ताह और 32 से 36 सप्ताह में कराई जाती है।

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