भारत अपने हितों को ही सर्वोपरि रखता है न कि सहयोगियों के हितों का ध्यान रखता है : जॉन मकार्थी

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH भारत में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व उच्चायुक्त जॉन मकार्थी ने कहा है कि भारत अपने हितों को ही सर्वोपरि रखता है न कि सहयोगियों के हितों का ध्यान रखता है. भारत के पीएम नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर हैं. उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बनीज़ के साथ मंगलवार को सिडनी में भारतीय प्रवासियों के एक कार्यक्रम को संबोधित भी किया और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के रिश्ते को आपसी विश्वास और सम्मान वाला बताया.

मकार्थी का कहना है कि ऑस्ट्रेलिया और पश्चिम में यह धारणा है कि भारत की कूटनीति ऑस्ट्रेलिया की तरह ही है लेकिन ऐसा नहीं है. ऑस्ट्रेलिया जिस तरह से दुनिया को देखता है, भारत वैसे नहीं देखता. उन्होंने लिखा, ”60 से 80 तक आर्थिक कारणों की वजह जापान केंद्र में था. फिर इसके बाद हमने सोचा कि और दूसरे देश इससे ज़्यादा दिलचस्प हैं. जापान की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे सपाट होती चली गई. हमने जापान से सीखना और जापान जाना बंद कर दिया. हाल के समय में सुरक्षा परिदृश्य में बदलाव की वजह से फिर से संबंधों में गर्मजोशी आई है.”

मकार्थी ने ऑस्ट्रेलिया को अपने हितों की उम्मीद भारत से रखने में सावधानी बरतने की सलाह दी है. उन्होंने कहा, इंडोनेशिया के साथ भी संबंध एक समय में काफ़ी अच्छे थे लेकिन फिर ख़राब हुए और उसे सामान्य करने में कई वर्ष लग गए. चीन के साथ संबंध कुछ अच्छे नहीं हैं. इस इतिहास को देखते हुए हम भारत से उम्मीद रखने में सावधान रहने की ज़रूरत है.”

पिछले दो दशक से ऑस्ट्रेलिया ने भारत की उभार को पहचाना है. इसकी जनसंख्या चीन से आगे निकल चुकी है. यह बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है. उन्होंने कहा, ”ऑस्ट्रेलिया और पश्चिम में यह धारणा है कि भारत की कूटनीति को हमारे जैसा देखते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है. हाल ही में भारतीय मूल के अमेरिकी विशेषज्ञ एश्ले टेलिस ने यह तर्क दिया था कि अमेरिका और चीन के बीच टकराव की स्थिति में भारत ख़ुद को कभी शामिल नहीं करेगा जब तक कि ख़तरा उस पर न हो. टेलिस 2008 में ‘परमाणु समझौते’ के मुख्य बौद्धिक ताक़त में से एक थे.” उन्होंने कहा कि भारत बहुध्रुवीय दुनिया में एक शक्तिशाली ध्रुव बनना चाहता है. भारत के लिए जो अच्छा है, वह उस पर ही आगे बढ़ेगा न कि उसके सहयोगियों या दूसरे लोग चाहते हैं, उस पर आगे जाएगा l

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