मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल का लेखा जोखा पेश करेगी जनता के सामने
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : कोरोना महामारी के बीच नरेंद्र मोदी सरकार अपने दूसरे कार्यकाल के पहले साल का लेखा जोखा जनता के सामने पेश करेगी. मोदी सरकार एक बुकलेट जारी करेगी जिसमें दूसरे कार्यकाल के एक साल की उपलब्धियों का ब्यौरा होगा. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने 16 मई से पहले सभी मंत्रालयों से उनके एक साल की उपलब्धियों की संक्षिप्त सूची, पूरी डिटेल के साथ मंगाई है. इसके लिए सभी मंत्रालयों को कहा गया है कि फोकस ऐसी उपलब्धियों की सूची भेजने पर हो जिससे गरीब, महिला, किसान, युवा, उद्योग और इंफ्रास्ट्रक्चर को सीधा फायदा मिला हो. इन उपलब्धियों की बुकलेट की छपाई और वितरण 1 जून से पहले पूरा किया जाना है.
2019 लोकसभा चुनाव में प्रचंड जीत के साथ 30 मई 2019 को नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया था.
कश्मीर और अनुच्छेद 370: मोदी सरकार ने इस एक साल में सबसे बड़ा फैसला जम्मू कश्मीर को लेकर लिया है. सरकार ने राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कई अहम प्रावधानों को समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने का फैसला लिया. इनमें जम्मू-कश्मीर में दिल्ली की तरह ही विधानसभा का प्रावधान किया गया है तो लद्दाख को बगैर विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेश के रूप में अस्तित्व में लाने का फैसला लिया गया.
नागरिकता संसोधन कानून: नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में नागरिकता संसोधन कानून बड़े फैसले के तौर पर देखा जा सकता है. 10 जनवरी 2020 को इसे पूरे देश मे लागू कर दिया गया. इस कानून के देश में लागू होने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अन्य देशों में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और यहूदी को भारतीय नागरिकता मिल सकती है.
तीन तलाक: मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक साल में तीन तलाक के मुद्दे पर भी निर्णायक फैसला किया. इसे मुस्लिम महिलाओं के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा गया, जो तीन बार तलाक बोलकर वैवाहिक संबंध तोड़ लिए जाने की पीड़ा से गुजर रही थीं. सरकार इस पर कानून लेकर आई, जिसमें तीन बार तलाक बोलकर वैवाहिक संबंध खत्म करने पर शौहर के लिए 6 महीने की जेल की सजा का प्रावधान भी किया गया.
आतंकवाद रोधी नया कानून: सरकार को देश में आतंकवाद के खिलाफ नया कानून लाने में भी मदद मिली, जब गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम संशोधन विधेयक (यूएपीए), 2019 संसद के दोनों सदनों से पारित हो गया. आतंकवाद के खिलाफ यह कानून राष्ट्रीय जांच एजेंसी को पहले के मुकाबले अधिक अधिकार देता है.