कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, वन सम्पदाओं के लिए केंद्र ने किया पैकेज का एलान, मत्स्य पालन के लिए एक लाख करोड़
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ के पैकेज के तीसरे चरण का एलान शुक्रवार को किया है। उन्होंने इस बार कृषि, पशुपालन, वनसम्पदा को पैकेज के दायरे में लाया है। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के कौशल विकास, आधारभूत संरचना और उसके सप्लाई चेन को लेकर है।
कृषि, पशु पालन, फ़ूड प्रोसेसिंग आदि के लिए यह घोषणा की गई है। भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां के किसान आज बहुत चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। दुनिया का दूसरा गन्ना उत्पादक देश भारत है। भारत में दूध, जुट और सब्जियों का यहां ज्यादा उत्पादन होता है, दाल के उत्पादन में भारत का स्थान तीसरा है। । इनके लिए सप्लाई चेन को लेकर सरकार ने काम किया है। उनके बारे में सोचा है। उन्होंने लॉक डाउन के दौरान लगातार काम किया है। 8700 करोड़ का फण्ड PM किसान सम्मान योजना के तहत किसानों के खाते में सीधे जा चुके हैं। 2 महीने में 64000 करोड़ का फसल बीमा का भुगतान हो चुका है। 74300 करोड़ के रकम का उपयोग अन्न के खरीदी के समर्थन मूल्य में खर्च किया जा चुका है। 1 लाख करोड़ के कृषि आधारभूत ढांचा के लिए दिया जाएगा। इसमें कोल्ड स्टोरेज की क्षमता बढ़ेगी, आधारभूत संरंचनाएँ बढ़ेगी।
10 हजार करोड़ का पैकेज फ़ूड प्रोसेसिंग यूनिट्स को जाएगी जो लोकल प्रोडक्ट को ग्लोबल बनाने का काम आएगा। 2 लाख सूक्ष्म खाद्य संस्करण में को इसका लाभ मिलेगा जो इस काम में लगे हैं। बिहार में मखाना, तेलंगाना के लिए हल्दी इसी तरह राज्यों को विशेष क्लस्टर बनाया जाएगा। वन संपदाओं के लिए भी क्लस्टर बनाया जाएगा। सूक्ष्म खाद्य संस्करण इकाइयों को क्लस्टर बनाया जाएगा। इन उत्पादों का सरकार ब्रांडिंग करेगी और उसे लोकल से ग्लोबल पहचान देगी।
मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए एक लाख करोड़ के फण्ड का एलान किया गया। इसका जिक्र बजट में भी है। पप्रधानमंत्री मत्स्य पालन योजना के तह मछुआरों को 11 हजार करोड़ गतिविधियों के लिए और 9 हजार करोड़ आधारभूत ढांचा के लिए दिया जाएगा। मछुआरों और नाव का बीमा होगा। सभी पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। उनको तमाम बीमारियों से बचाया जाएगा। 53 करोड़ पशुओं का टीकाकरण में 13343 करोड़ खर्च किया जाएगा, इससे इनके प्रोडक्ट्स की मांग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ेगी। 15 हजार करोड़ का खर्च डेयरी उत्पादों के लिए किया जाएगा। ताकि इन इनकी आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया जा सके। इसमें पशुचारा प्लांट बनाने के लिए भी इस फण्ड का उपयोग किया जाएगा।
4000 करोड़ का प्रावधान हर्बल और औषधि पौधों की प्रमोशन खेती के लिए किया जाएगा। 10 लाख हेक्टेयर में खेती की जाएगी। औषधीय खेती के लिये गंगा किनारे हजारों एकड़ के क्षेत्र का उपयोग किया जाएगा। मधुमक्खी पालन के लिए भी 500 करोड़ का प्रावधान रखा गया है। इससे 2 लाख लोगों को लाभ मिलेगा जो इससे जुड़े हुए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इसका प्रचार किया जाएगा। इसकी ब्रांडिंग की जाएगी, इसे ग्लोबल बनाया जाएगा।
सब्जी उत्पादों के लिए 500 करोड़ का प्रावधान किया जातेगा जिसे पहले टमाटर, प्याज , आलू आदि के लिए था। इससे अब सब्जी किसानों को सब्जियां फेंकनी नहीं पड़ेगी। कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा और गुणवत्ता बनाने के लिए एसेंशियल कमोडिटी एक्ट में बदलाव किया गया है।