गृह मंत्रालय के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक…लॉकडाउन में पूरा वेतन देना जरुरी नहीं …कहा- किसी कंपनी पर नहीं होगा केस
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : दिल्ली ,देश की सर्वोच्च अदालत ने निजी प्रतिष्ठानों को लॉकडाउन के दौरान फुल पेमेंट दिए जाने के निर्देश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे देश में पूरे देश में प्रशासन को आदेश दिया कि पेमेंट देने में असमर्थ एंप्लॉयर्स पर केस नहीं करें।
बता दें केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 29 मार्च को एक सर्कुलर के जरिए कर्मचारियों को फुल पेमेंट का निर्देश दिया थादेश की सर्वोच्च अदालत ने शुक्रवार को पूरे देश में प्रशासन को आदेश दिया कि वे उन नियोक्ताओं (एंप्लॉयर्स) के खिलाफ मुकदमा न चलाएं, जो कोविड-19 के कारण राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान कामगारों को पूरे पारिश्रमिक का भुगतान करने में असमर्थ हैं.
औद्योगिक इकाइयां यह दावा करते हुए अदालत चली गईं कि उनके पास भुगतान करने का कोई उपाय नहीं है, क्योंकि उत्पादन ठप पड़ा हुआ है। याचिकाकर्ताओं ने शीर्ष अदालत से कहा कि कोरोनावायरस महामारी के मद्देनजर लागू राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान संगठनों को उनके कार्यबल (वर्कफोर्स) को पेमेंट करने से पूरी तरह से छूट दी जानी चाहिए।
संविधान के विभिन्न अनुच्छेदों का हवाला
याचिका में गृह मंत्रालय के 29 मार्च के आदेश को रद्द करने मांग की गई। याचिकाकर्ताओं ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 10(2) (I) की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी है असोसिएशन ने दावा किया कि आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत 29 मार्च को दिया गृह मंत्रालय का आदेश, संविधान के अनुच्छेद 14, 19(1)(G), 265 और 300 का उल्लंघन है, जिसे वापस लिया जाना चाहि