छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर भीड़ ऐसी कि सौ गुना बढ़ गया संक्रमण का खतरा, सरकारी व्यवस्था पूर्णता फेल , हर रोज पहुंच रहे 10 से 20 हजार प्रवासी मजदूर ,व्यवस्था राम बरोसे
रिपोर्ट मनप्रीत सिंह
रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : बाग नदी में जिला प्रशासन ने इस तरह आने वाले प्रवासी मजदूरों और पास लेकर आने वालों के लिए अलग-अलग स्टेशन बनाए हैं लेकिन जो भीड़ उमड़ रही है, उसके लिए व्यवस्था ना काफी है और इसके चलते भगदड़ की स्थिति निर्मित हो रही है । देश के सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमित राज्य महाराष्ट्र के तकरीबन सभी बड़े शहरों में छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और बिहार के मजदूर और श्रमिक रह रहे हैं। लंबे लॉकडाउन के चलते काम धंधा बंद होने और इनके लिए रहने खाने की व्यवस्था करने की दिक्कत के बाद महाराष्ट्र ने अपनी सारी परिवहन सेवा को इनको अपने राज्य से इनके गंतव्य तक भेजने में झोंक दिया है। हालांकि वह यह काम अधूरा कर रहा है। इन सभी राज्यों के प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों को महाराष्ट्र राज्य परिवहन की बसें छत्तीसगढ़ सीमा में बाग नदी तक छोड़ रही हैं। इसके चलते यहां अच्छी खासी भीड़ जमा हो रही है। महाराष्ट्र सरकार अपनी सरकारी बस सेवा के माध्यम से प्रवासी लोगों को नि:शुल्क यहां तक भेज रही है। इसी तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार को मानवीय रुख अख्तियार करते हुए अपने खर्च पर लोगों को उनके गांव तक भेजने की व्यवस्था कर सकती है। छत्तीसगढ़ के लोगों को उनके गांव और दूसरे राज्यों के लोगों को उनके राज्य के बार्डर तक भेजा जा सकता है।
अभी ट्रकों में लदकर या फिर अधिक कीमत पर सफर करने लोग मजबूर हो रहे हैं। देशभर से पैदल और असहनीय यात्रा कर अपने गांव जाने की जद्दोजहद में लगे लोगों की तस्वीरें आ रही हैं। इससे छत्तीसगढ़ अछूता नहीं है। केन्द्र सरकार ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने और एक से दूसरी जगह लोग न जाएं, इसके लिए डेढ़ महीने पहले लाकडाउन लगाया था लेकिन अब न सिर्फ लोगों का परिवहन बढ़ गया है बल्कि सोशल डिस्टेंसिंग की भी धज्जियां उड़ रही हैं। लोगों को सुरक्षित परिवहन सुविधा देने रेल सेवा शुरु करना ही सही उपाय होगा। हर दिन में एक ही क्षेत्र में दस-पंद्रह हजार लोगों के परिवहन से देशभर में लोगों की आवाजाही का अंदाजा लगाया जा सकता है। देशभर में फैली आपाधापी को रेल सेवा के माध्यम से ही नियंत्रित किया जा सकता है।