सोमवार से शुरू होगा नौतपा, बढ़ेगी गर्मी – 31 मई को शुक्र तारा अस्त होने से तेज हवा और बारिश से मिल सकती है राहत

 

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : 31 मई को शुक्र तारा अस्त होने से तेज हवा और बारिश से मिल सकती है राहत

हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल ज्येष्ठ महीने में सूर्य रोहिणी नक्षत्र में आ जाता है। जिससे गर्मी बढ़ने लगती है। काशी के ज्योतिषाचार्य पं.गणेश मिश्रा के अनुसार इस बार ज्येष्ठ महीने के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि यानी 25 मई को सूर्य कृतिका से रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा और 8 जून तक इसी नक्षत्र में रहेगा। सूर्य के नक्षत्र बदलते ही नौतपा शुरू हो जाएगा। यानी 9 दिनों तक तेज गर्मी रहेगी। इसकी वजह यह है कि इस दौरान सूर्य की लंबवत किरणें धरती पर पड़ती हैं। लेकिन इस बार शुक्र तारा अस्त होने से इसका प्रभाव कम रहेगा।

नौतपा पर परंपरा

परंरपरा के अनुसार नौतपा के दौरान महिलाएं हाथ पैरों में मेहंदी लगाती हैं। क्योंकि मेहंदी की तासीर ठंडी होने से तेज गर्मी से राहत मिलती है। इन दिनों में पानी खूब पिया जाता है और जल दान भी किया जाता है ताकि पानी की कमी से लोग बीमार न हो। इस तेज गर्मी से बचने के लिए दही, मक्खन और दूध का उपयोग ज्यादा किया जाता है। इसके साथ ही नारियल पानी और ठंडक देने वाली दूसरी और भी चीजें खाई जाती हैं।

ग्रह-नक्षत्रों के अनुसार नौतपा

पं मिश्रा ने बताया कि 25 मई को सुबह करीब 8.10 पर सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेंगे। सूर्य जब रोहिणी नक्षत्र में होकर वृष राशि के 10 से 20 अंश तक रहता है तब नौतपा होता है। इस नक्षत्र में सूर्य करीब 15 दिनों तक रहेगा। लेकिन शुरुआती 9 दिनों में गर्मी बहुत बढ़ जाती है। इसलिए इन 9 दिनों के समय को ही नौतपा कहा जाता है। ये समय 25 मई से 2 जून तक रहेगा। इसके अलावा ज्येष्ठ महीने के शुक्लपक्ष में चंद्रमा जब आर्द्रा से स्वाती तक 10 नक्षत्रों में रहता हो तो नौतपा होता है। रोहिणी के दौरान बारिश हो जाती है तो इसे रोहिणी नक्षत्र का गलना भी कहा जाता है।

शुक्र तारा अस्त होने से तापमान रहेगा कम

पं मिश्रा का कहना है कि इस बार नौतपा के दौरान 31 मई को शुक्र ग्रह वक्री होकर अपनी ही राशि में अस्त हो जाएगा और सूर्य के साथ रहेगा। रोहिणी नक्षत्र का का स्वामी ग्रह चंद्रमा है। सूर्य के साथ शुक्र भी वृषभ राशि में रहेगा। शुक्र रस प्रधान ग्रह है, इसलिए वह गर्मी से राहत भी दिलाएगा। इसलिए देश के कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी और कुछ जगहों पर तेज हवा और आंधी-तूफान के साथ बारीश होने की संभावना ज्यादा है। नौतपा के आखिरी दो दिन तेज हवा-आंधी चलने व बारिश होने के भी योग बन रहे हैं। वराहमिहिर के बृहत्संहिता ग्रंथ में ने बताया है कि ग्रहों के अस्त होने से मौसम में बदलाव होता है।

बारिश होने के योग

इस साल संवत्सर के राजा बुध है और रोहिणी का निवास संधि में है। इससे बारीश तो समय पर आ जाएगी लेकिन कहीं पर ज्यादा तो कहीं पर कम बारिश हो सकती है। इस बार देश के रेगिस्तानी और पर्वतीय इलाकों में ज्यादा बारीश हो सकती है। बारीश के कारण अनाज और धान की पैदावार अच्छी रहेगी। धान्य, दूध व पेय पदार्थों में तेजी रहेगी। जौ, गेहूं, राई, सरसों, चना, बाजरा, मूंग की पैदावार आशानुकूल होगी

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MATS UNIVERSITY

ADMISSION OPEN


This will close in 20 seconds