रायपुर में ईडी की छापेमार कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस का ईडी दफ्तर में जमकर बवाल : कांग्रेस ने इसे आगामी महाधिवेशन के कार्यक्रम को डिस्टर्ब करने की साजिश बताया।
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH रायपुर में ईडी की छापेमार कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने ईडी दफ्तर में जमकर बवाल किया। युवक कांग्रेस और एनएसयूआई के नेताओं, कार्यकर्ताओं ने सोमवार शाम को रायपुर के प्रवर्तन निदेशालय मुख्यालय का घेराव कर दिया। इस दौरान जमकर बवाल हुआ। सीआरपीएफ जवानों के साथ प्रदर्शनकारियों की झड़प हुई। लाठियां भी चली, इसी वजह से कुछ देर के लिए विरोध प्रदर्शन में हालात काफी बिगड़ गए। जवान को भी प्रदर्शनकारियों ने दबोच लिया जैसे-तैसे मामला शांत कराया गया, मगर काफी देर तक कांग्रेसियों का विरोध प्रदर्शन चलता रहा। हंगामा के बाद शाम करीब 6 बजे भीड़ यहां से वापस हुई।
जहा प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों ने कांग्रेसी नेता रामगोपाल अग्रवाल, आरपी सिंह सन्नी अग्रवाल विनोद तिवारी जैसे नेताओं के घर छापा मारा वहीं कांग्रेस ने इसे आगामी महाधिवेशन के कार्यक्रम को डिस्टर्ब करने की साजिश बताया। वहीं इन सभी नेताओं के घर के बाहर भी कांग्रेसियों ने विरोध प्रदर्शन किया।
शाम के वक्त यूथ कांग्रेस और एनएसयूआई के नेता प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर का घेराव करने पहुंच गए। पुलिस ने पहले से ही यहां बैरिकेडिंग कर रखी थी। बैरेकेडिंग को तोड़कर कांग्रेसी नेता ईडी दफ्तर के करीब पहुंच गए, जहां पहले से मौजूद सीआरपीएफ के जवानों ने प्रदर्शनकारियों को रोकने उन पर डंडा चला दिया।
लाठीचार्ज की स्थिति बनती देख कुछ कार्यकर्ता तितर-बितर हुए। मगर बाकी गुस्साए कार्यकर्ताओं ने भी जवानों को ही घेर लिया। कांग्रेसियों ने सीआरपीएफ जवान को पीटने की कोशिश की, मगर मौके पर मौजूद स्थानीय पुलिस ने इसके बाद मोर्चा संभाला और कार्यकर्ताओं को शांत करते हुए स्थानीय पुलिस के अफसर दिखाई दिए। करीब 1 से डेढ़ घंटे तक यह बवाल ईडी दफ्तर के बाहर चलता रहा।
एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष नीरज पांडे ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है। कांग्रेस की सरकार को हमारे नेताओं को जबरन परेशान करने के लिए ईडी का सहारा लिया जा रहा है। मैं ईडी के अधिकारियों से अपील करूंगा कि देश हित में अपना काम ईमानदारी से करें ना कि किसी पार्टी के बहकावे में आएं यह पहली बार है जब भाजपा ने केंद्रीय जांच एजेंसियों का इस कदर राजनीतिक दुरुपयोग किया है।