जम्मू रोपवे का व्यावसायिक परिचालन शुरू होने के साथ ही मिलेगा तीन प्राचीन मंदिरों को पर्यटन से जुड़ने का बढ़ावा
Report manpreet singh
RAIPUR chhattisgarh VISHESH : जम्मू, बहुप्रतिक्षित जम्मू रोप-वे परियोजना (जेआरपी) के पहले चरण का व्यावसायिक परिचालन कोविड-19 के मद्देनजर पर्याप्त एहतियात के साथ शुरू हो गया। वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दूसरे चरण को भी इस साल खोले जाने की उम्मीद है।
परियोजना प्रबंधक राकेश भट ने शनिवार को बताया कि जेआरपी के पूरा होने पर तीन प्राचीन मंदिर -बावे वाली माता, महामाया और पीर खो- जुड़ जाएंगे और इससे धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है क्योंकि श्रद्धालुओं के बीच ये मंदिर बहुत प्रसिद्ध है, खासतौर पर उन श्रद्धालुओं के बीच जो पूरे देश से मंदिरों के शहर जम्मू आते हैं। उन्होंने बताया कि हमने जेआरपी का व्यावसायिक परिचालन बाहु से महामाया तक शुरू किया है जबकि दूसरे चरण का महामाया से पीर खो के हिस्से का निर्माण अंतिम चरण में है। दूसरे चरण को भी आम जनता के लिए नवंबर के अंतिम सप्ताह में खोले जाने की उम्मीद है।
उल्लेखनीय है कि जब 1995 में परियोजना का प्रस्ताव किया गया था तब इसे बाहु किला से मुबारक मंडी परिसर तक बनाने की योजना थी लेकिन बाद में इसके रास्ते में बदलाव किया गया क्योंकि दोनों स्थानों को संरक्षित स्मारक घोषित किया गया है। यह रोपवे परियोजना करीब 1.66 किलोमीटर लंबी है और दो चरणों में पूरी की जानी है। पहले चरण में बाहु किला से महामाया पार्क तक और दूसरे चरण में महामाया से पीर खो तक जिसमें से रोप-वे तवी नदी के ऊपर से भी गुजरेगा। दूसरे चरण की लंबाई 1,118 मीटर है।
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