जब झूठ बोलने पर शिक्षा मंत्री को पड़ी थी डांट, सजा में मिला था ‘चपरासी’ का काम!

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Report manpreet singh 

RAIPUR chhattisgarh VISHESH :रायपुर. स्कूल  में पढ़ने वाला कोई ऐसा छात्र शायद ही होगा, जिसे कभी अपने स्कूल में शिक्षकों से सजा न मिली हो. हर किसी को स्कूल के दिनों में मिलने वाले सबक के साथ ही सजा भी याद रहती है. ऐसा ही वाकया छत्तीसगढ़  के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम (School Education Minister Dr. Premasai Singh Tekam) ने भी शिक्षा विभाग की एक बैठक के दौरान साझा किया. गुरुओं के सम्मान के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू किये गए कार्यक्रम ‘गुरु तुझे सलाम’ की शुरुआत हो चुकी है. इस मौके पर स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय टेकाम ने अपने स्कूल के दिनों को याद किया.

यूट्यूब में लाइव प्रसारण के दौरान मंत्री टेकाम ने अपने स्कूल की यादों को साझा करते हुए एक वाक्या बताया. उन्होंने कहा कि बचपन में ग्राम सिलौटा की प्राथमिक शाला के शिक्षक नारायण सिंह ने एकाएक स्कूल की चाबी देकर जिम्मेदारी सौंपी थी, तब किसे मालूम था कि सूरजपुर जिले के विकासखण्ड प्रतापपुर के ग्राम सिलौटा का यह बालक बड़ा होकर छत्तीसगढ़ राज्य के सभी स्कूलों की जिम्मेदारी संभालेगा.

ऐसे पकड़ा गया था झूठ

स्कूल शिक्षा मंत्री डाॅ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने कहा कि ‘जब वे पढ़ाई कर रहे थे, उस समय हमारे गांव में स्कूल नहीं था. मैं अपने दोस्तों के साथ साइकिल चलाकर 7 किलोमीटर दूर पढ़ने के लिए स्कूल जाता था. अक्सर देर हो जाती थी. गुरुजी ने एक बार देर से आने का कारण पूछा तो मैंने कह दिया कि साइकिल पंचर हो गई थी. गुरुजी ने मुझे और मेरे दोस्त को अलग-अलग ले जाकर एक ही सवाल पूछा कि कौन सा टायर पंचर हुआ था. हम दोनों ने अलग-अलग जवाब दिया और झूठ बोलने पर खूब डांट पड़ी. स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि झूठ बोलने की सजा और रोज देर से आने को रोकने के लिए मेरे शिक्षक नारायण सिंह जी ने उस दिन स्कूल की चाबी मुझे सौंप दी. ताकि मुझे सबसे पहले आकर स्कूल खोलना पड़े’. बता दें कि स्कूलों में ताला खोलने का काम आमतौर पर चपरासी का होता है.

इस सजा ने बदली आदत

मंत्री नबताया कि गुरु द्वारा जिम्मेदारी देने के बाद मुझे रोज समय पर स्कूल जाने की आदत हो गई और स्कूल अपना सा लगने लगा. मंत्री टेकाम ने कहा कि ‘साथियों के साथ मिलकर स्कूल में श्रमदान कर नई कक्षा तैयार कर दी. स्कूल के विकास के लिए कुछ न कुछ करने लगे. आसपास के स्कूलों में शिक्षक के साथ जाकर वहां जो अच्छा और नया चल रहा है, उसे देखकर अपने स्कूल में करने की कोशिश करता’. बता दें कि गुरु तुझे सलाम अभियान के तहत यादगार लम्हें में प्रदेश के शिक्षक, विद्यार्थी और पालक भी दो मिनट के इस ऑनलाइन आडियो-वीडियो कार्यक्रम में अपनी भावनाओं को अभिव्यक्ति के माध्यम से खास उस खुशनुमा पल को साझा कर अपने गुरुओं और प्रेरकों के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर धन्यवाद ज्ञापित कर रहे हैं.

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