ट्रक भर कर बजट की प्रतियां संसद परिसर में लाई गई : बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा ये अमृतकाल का पहला बजट है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की अर्थव्यवस्था अब पांचवें पायदान पर
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH
निर्मला सीतारमण ने आज सवेरे अपनी पूरी टीम के साथ राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाक़ात की. निर्मला सीतारमण अब संसद पहुंच चुकी हैं.उनके पहुंचने के साथ ही ट्रक में भर कर बजट की प्रतियां भी संसद परिसर में लाई गई l
आज़ाद भारत की वो छठी मंत्री हैं जो लगातार पांचवीं बार देश का बजट पेश कर रही हैं. उनसे पहले मनमोहन सिंह, अरुण जेटली, पी चिदंबरम, यशवंत सिन्हा और मोरारजी देसाई लगातार पांच बार बजट पेश कर चुके हैं. 2019 में सीतारमण ने वित्त मंत्री के तौर पर अपना पहला बजट पेश किया था. 2014 में केंद्र में मोदी सरकार के आने के बाद अरुण जेटली ने वित्त मंत्री का पदभार संभाला और 2014-15 से लेकर 2018-19 तक लगातार पांच बार बजट पेश किया. उन्हीं के कार्यकाल में साल 2017 में फरवरी के आख़िरी दिन की बजाय फरवरी की पहली तारीख को बजट पेश करने का फ़ैसला किया गया.2019-20 में अरुण जेटली की तबीयत बिगड़ने के बाद वित्त मंत्रायलय का अतिरिक्त कार्यभार पीयूष गोयल को दिया गया. उन्होंने 2019-2020 का अंतरिम बजट पेश किया.
वहीं बजट भाषण की शुरूआत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये अमृतकाल का पहला बजट है. उन्होंने कहा कि पहले के बजट में जो तस्वीर बनाई गई उसी को आगे बढ़ाता है. इसका उद्देश्य देश के सभी तबकों को फायदा पहुंचाने का है. उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और एक सुनहरे भविष्य की ओर बढ़ रही है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की अर्थव्यवस्था अब पांचवें पायदान पर है l
ये बजट मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आख़िरी पूर्ण बजट होगा l बजट भाषण की शुरूआत में निर्मला सीतारमण ने कहा कि ये अमृतकाल का पहला बजट है और पहले के बजट में जो तस्वीर बनाई गई उसी को आगे बढ़ाता है. इसका उद्देश्य देश के सभी तबकों को फायदा पहुंचाने का है.
बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा-
- जी20 की अध्यक्षता ने भारत को एक मौक़ा दिया है कि वो वैश्विक स्तर पर आर्थिक मोर्चे पर अपनी मज़बूत दावेदारी पेश करे.
- प्रति व्यक्ति आय दोगुना हुई और और बढ़ कर 1.97 लाख हो गई है.
- अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत विश्व की दसवीं बड़ी अर्थव्यवस्था हुआ करती थी अब वो पांचवें पायदान पर है.
- देश के सात करोड़ से अधिक लोग ईपीएफ़ओ से जुड़े हैं.
- वैश्विक स्तर पर मुल्को की अर्थव्यवस्थाएं मुश्किल में हैं लेकिन भारत की विकास दर 7 फ़ीसदी तक रहने का अनुमान है
- निर्मला सीतारमण ने कहा बजट की प्राथमिकताएं सात बिंदु होंगे जो सप्तऋषि की तरह देश का मार्गदर्शन करेंगे.
- सहभागिता के साथ विकास (जिसमें वंचितों के साथ-साथ सभी को वरीयता दी जाएगी), खेती के लिए डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा, आख़िरी तबके तक पहुंचे की कोशिश, काबिलियत का पूरा इस्तेमाल, सतत ऊर्जा की तरफ बढ़ने की कोशिश, फाइनेन्शियल सेक्टर और युवाओं पर ध्यान.
- प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत 2 लाख करोड़ रुपये केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जा रहा है.
- अंत्योदय योजना के तहत गरीबों के लिए मुफ्त खाद्यान्न की आपूर्ति को एक वर्ष के लिए बढ़ा दिया गया है.
- साल 2014 से सरकार के प्रयासों ने सभी नागरिकों के जीवन की बेहतर गुणवत्ता और गरिमापूर्ण जीवन सुनिश्चित किया है.
- प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपये हो गई है. इन 9 वर्षों में, भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया में 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में बढ़ी है.