फ़र्ज़ी दस्तावेज बना बिकी हुई वाहन का फिर करवाया नया पंजीयन,बेचकर डकारे लाखों रुपए,फाइनेंस कंपनी के खिलाफ रायपुर पुलिस ने धोखाधड़ी का दर्ज किया अपराध

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH :फ़र्ज़ी दस्तावेज बना बिकी हुई वाहन का फिर करवाया नया पंजीयन,बेचकर डकारे लाखों रुपए,फाइनेंस कंपनी के खिलाफ रायपुर पुलिस ने धोखाधड़ी का दर्ज किया अपराध ,बिकी हुई वाहन का फिर से पंजीयन करवा उसे बेचकर लाखों रुपए डकारने का मामला सामने आया है जिसमें रायपुर पुलिस ने वित्तपोषक मेगमा लिसिंग लिमिटेड कंपनी पर धोखाधड़ी का अपराध दर्ज किया है।

आपको बता दें कि कोरबा निवासी संजय अग्रवाल द्वारा 2007 में जेसीबी वाहन खरीदी गई थी जिसको वित्तपोषक मैगमा लिसिंग लिमिटेड कंपनी ने फाइनेंस किया था।2009 में जब अग्रवाल द्वारा किस्त नहीं पटाया जा रहा था तब वाहन को सीज कर फाइनेंस कंपनी द्वारा ले जाया गया जिसके बाद अग्रवाल लगातार फाइनेंस कंपनी के कार्यालय जाकर पुरानी किस्त जमा कर अपनी वाहन वापस दिलाने की मांग कर रहे थे परंतु वित्तपोषक कम्पनी द्वारा अग्रवाल को गाड़ी वापस ना देकर पूरे पैसों की मांग की जा रही थी।

कंपनी ने रायपुर परिवहन कार्यालय में कूटरचित दस्तावेज पेश कर पुनः JCB वाहन का पंजीयन करवाया और फिर उसे बेचकर लाखों रुपए डकारे। इस पूरे मामले की शिकायत सहायक क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कुमारी योगेश्वरी वर्मा की ओर से डाटा ऑपरेटर मालयान शाखा महेंद्र गायकवाड ने खमतराई थाना में दर्ज करवाई है।

संजय ने बताया कि इस पूरे मामले का खुलासा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से हुआ जब वे अपनी JCB वाहन का CHASIS NO. डाल वाहन को खोज रहे थे, तब उन्हें उक्त वाहन का नया पंजीयन क्रमांक जो रायपुर का था,वह प्राप्त हुआ जिसके बाद उन्होंने फाइनेंस कपंनी द्वारा परिवहन कार्यालय में दिये गए फॉर्म-20,फॉर्म-22, नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट, सेल लेटर सहित टैक्स इनवॉइस की जांच की मांग की जो पूरी तरह से फ़र्ज़ी साबित हुए।

 संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि इस पूरे मामले की शिकायत उन्होंने 21.1.2016 को की थी। किस तरीके से धोखाधड़ी करते हुए वित्तपोषक मैगमा लिसिंग लिमिटेड दर्री,कोरबा द्वारा एक ही वाहन के कोरबा व रायपुर में दो बार पंजीयन करवा कर लाखों रुपए ऐंठे गए। जब अग्रवाल की शिकायत पर विभागीय जांच की गई तब मामले का खुलासा हुआ जिसके बाद पुलिस ने फाइनेंस कंपनी के विरुद्ध IPC की धारा 420, 471 के तहत अपराध पंजीबद्ध किया है।

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