भारत कभी किसी के दबाव में नहीं आएगा, भारत का विभाजन न हुआ होता तो आज वो कहां होता – एस. जयशंकर

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि उरी और बालाकोट जैसे कदमों ने ज़रूरी संदेश दिया है और ये बताया है कि भारत किसी के दबाव में नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि भारत के लिए उसकी सुरक्षा का मुद्दा बेहद अहम है और आतंकवाद की परेशानी झेल चुके भारत ने उरी और बालाकोट के ज़रिए ज़रूरी संदेश दिया है.

उन्होंने चीन के साथ सीमा तनाव को लेकर भी बात की और कहा कि विभाजन से भारत को नुक़सान पहुंचा था. इसने उसे उन इलाक़ों से दूर कर दिया जहां उसे सम्मान मिलता था. चेन्नई में तुगलक पत्रिका द्वारा आयोजित 53वीं वर्षगांठ समारोह के अवसर पर जयशंकर ने कहा कि उन्होंने चार कारणों से इस आयोजन में शामिल होने का फ़ैसला किया.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार का मानना है कि केवल दिल्ली में बैठे लोगों को ही विदेश नीति पर चर्चा नहीं करनी चाहिए बल्कि वैश्वीकरण के इस दौर में बाहरी दुनिया में दिलचस्पी रखने वाले हर व्यक्ति को इसमें हिस्सा लेना चाहिए.उन्होंने कहा, “दुनिया को लेकर एक राष्ट्रीय नज़रिया है जो प्राथमिकता है और पूरे देश को हमारे राष्ट्रीय हितों और आकांक्षाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए. तीसरा, ये हमारे लिए ऐसा मौक़ा है जब हम दुनिया के लोगों को और क़रीब ला सकते हैं.”उन्होंने कहा कि भारत जी20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है और इसके तहत पूरे देश में पचास से अधिक जगहों में कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. मुझे उम्मीद है कि देश में इसे लेकर जागरूकता बढ़ेगी.

इस सम्मेलन में उन्होंने ‘विश्व के लिए भारत क्यों ज़रूरी है’, मुद्दे पर बात की और कहा कि एक बड़े भूखंड और बड़ी आबादी, लंबा इतिहास और अलग संस्कृति होने के कारण भारत विश्व के सामने हमेशा महत्वपूर्ण रहा है.

उन्होंने कहा कि उपनिवेशवादी ताकतों के दौर में भारत की पहचान केवल एक बाज़ार, संघर्ष की ज़मीन और दूसरों के लिए एक रिसोर्स की तरह रही थी. लेकिन भारत को उसके विचारों और कदमों की वजह से और सफल गणतंत्र होने के कारण भी पहचाना जा सकता है और आने वाले वक्त में हमारी यही आकांक्षा है.

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