गुरू घासीदास जयंती समारोह में शामिल हुए संसदीय सचिव
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH महासमुंद। संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर ने ग्राम भलेसर व तेन्दुवाही में आयोजित गुरु घासी दास जयंती समारोह में शामिल होकर बाबा के बताए मार्ग पर चलने का आव्हान किया।
शनिवार को ग्राम पंचायत भलेसर व तेंदूवाही में गुरू घासी दास बाबा की जयंती समारोह का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संसदीय सचिव व विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर थे। अध्यक्षता नगरपालिका अध्यक्ष राशि महिलांग ने की। विशेष अतिथि के रूप में जिला कांग्रेस कमेटी के महामंत्री संजय शर्मा, पूर्व जनपद अध्यक्ष किशन देवांगन, जनपद सदस्य प्रतिनिधि सचिन गायकवाड़, लता कैलाश चंद्राकर, दिलीप चंद्राकर मौजूद थे। सर्वप्रथम संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने बाबा के छायाचित्र पर माल्यार्पण कर पूजा-अर्चना की। बाद इसके अपने संबोधन में संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने उपस्थितजनों को जयंती की बधाई देते हुए कहा कि बाबा गुरू घासीदास जी ने सतनाम का संदेश जन-जन तक पहुँचाने के लिए कठिन संघर्ष एवं तपस्या की। उन्होंने शोषित-पीड़ित समाज को न्याय दिलाने के लिए लोगों को संगठित करने का काम किया। समाज मे फैले ऊँच-नीच के भेदभाव को समाप्त कर एकता का सूत्र में पिरोने का काम किया। बाबा जी के दिये गए संदेश आज भी प्रासंगिक है। हमें बाबा घासीदास जी के इस संदेश, मार्ग, आचरण को हमें जीवन में उतारना है। जीवन जोड़ने की कोशिश करने वाले बाबा जी के बताए मार्ग पर चलते हुए हम सबको इस देश को जोड़ने का काम करना है। उन्होंने कहा कि गुरु घासीदास बाबा ने सम्पूर्ण समाज के लोगों को सामान रूप से देखा और आपसी भेदभाव की भावना से दूर होने का सन्देश दिया । बाबा के वचनों को अपने जीवन में आत्मसात करने की जरुरत है और उन्हीं के बोले वचनों को आत्मसात कर के हम अपने जीवन के असल उद्देश्य को प्राप्त कर सकते हैं। संसदीय सचिव श्री चंद्राकर ने उनके बताए मार्ग का अनुसरण करने का आव्हान किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से सेवाराम कुर्रे, मोहन दास निराला, मुकेश कुर्रे, राजू कुर्रे, पित्तूराम ओगरे, सालिग राम मांडले, भंडारी करण ओगरे, मानदास ओगरे, दाउलाल जांगड़े, राम दिवाल ओगरे, तुलसी बंजारे, रामगुलाल कुर्रे, टोमलाल ओगरे, नरेशवन डहरिया, अर्चना निराला, श्रवण निराला, देवानंद मारकंडे, मनहरण काठले, नंदकुमार जांगड़े, नंदकुमार ओगरे, बसंत कुर्रे, चमन कुर्रे, बसंत ओगरे, दाउवा जांगड़े, किशन ओगरे, रमेश ओगरे, झुखू ओगरे, पवन कुर्रे, भूषण कुर्रे, भारत कुर्रे, नारद कुर्रे, गणेश कुर्रे, यशवंत कुर्रे, दाउलाल सिन्हा, खिलावन साहू, नरेंद्र ध्रुव, देवनाथ सिन्हा, राजकुमार ध्रुव, देवा टोंडेकर, बलदेव साहू, सालिकराम साहू, सुनीता निषाद, गोविंद निषाद, मेवा निषाद, तुलसी निषाद, दया पटेल, यादराम पटेल, गणेशु पटेल सहित ग्रामीणजन मौजूद थे।
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