अवैध निर्माण कराओ लेकिन पैसा दो वरना होगी कार्रवाई, हाउसिंग बोर्ड के ईई और एसडीओं की काली करतूत उजागर

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : जांजगीर चांपा  , छग गृह निर्माण मंडल के सहायक अभियंता उपसंभाग जांजगीर में अफसरों की मनमानी अपने चरम पर है। उनकी कार्यप्रणाली को देखने से ऐसा लगता है मानो वो हाउसिंग बोर्ड के अफसर नहीं दलाल हो। जो बगैर मुनाफा कमाएं कोई कार्य ना हीं ना होने देता है। कुछ इसी तरह का कार्य हाउसिंग बोर्ड में लंबे समय से होता आ रहा है। जिसके बारे में दर्जनों बार अखबारों और सोशल साइट पर लिखा जा चुका है। सैकड़ों बार शिकायत की जा चुकी है। लेकिन हाउसिंग बोर्ड के बड़े अफसर है जो सबकुछ जानकर भी धृतराष्ट्र बने हुए है। जबकि इससे गलत कार्य करने वाले अधिकारियों को और बढ़ावा मिलता है। फिर भी मामले के सामने आने के बाद मौन साधना जैसा गुरू वैसा चेला की कहावत को चरितार्थ करता है।

गौरतलब है कि जिला पंचायत के सामने गृह निर्माण मंडल का एचआईजी,एमआईजी,एलआईजी और अटल आवास के 471 मकान बने हुए है। जिसको लीज डीट और सेल डीट द्वारा जरूरतमंदो को विक्रय किया गया है। वहीं हाउसिंग बोर्ड द्वारा अबतक काॅलोनी को नगर पालिका जांजगीर-नैला के सूपुर्द नहीं किया गया है। इसलिए काॅलोनी का मेंटनेस भी हाउसिंग बोर्ड को ही करना है। इसके लिए प्रति घर से दो सौ रूपए पानी और काॅलोनी मेंटनेस का चार्ज वसूला जाता है। जिससे मूलभूत सुविधाएं प्रदान की जा सके। लेकिन हाउसिंग बोर्ड के अफसरों द्वारा मेंटनेस राशि में जमकर घालमेल किया जा रहा है। एक तो मेंटनेस चार्ज की पाॅवती नहीं दी जा रही है ऊपर से काॅलोनी का मेंटनेस नहीं किया जा रहा है। इससे वहां के रहवासियों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

 

दूसरी तरफ कार्यपालन अभियंता और एसडीओ की एक और काली करतूत उजागर हुई है। हाउसिंग बोर्ड के मकानों में कई लोगों द्वारा गलत निर्माण कार्य किया जा रहा है। लेकिन इन निर्माण कार्यो पर कार्रवाई में दोहरा रवैया अपनाया जा रहा है। एक तरफ दो अटल आवास को जोड़कर तीन मंजीला मकान बनाया जा रहा है जिस पर चुप्पी साधी गई है तो दूसरी तरफ छोटा सा दिवार खड़ा हो जाने पर नोटिस भेजकर दिवार ताड़ने की कार्रवाई की जा रही है। जबकि गलत निर्माण दोनों जगह हो रहा है। ऐसे में कार्रवाई दोनों पर होनी चाहिए। लेकिन ईई और एसडीओं द्वारा भेदभावपूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है। जिसको दूसरी भाषा में घूस बोला जाता है। इस तरह का कार्य सहायक अभियंता कार्यालय में जमकर हो रहा है। घूस दो और अवैध निर्माण करों वरना कार्रवाई के लिए तैयार रहो। इस काली करतूत में कार्यपालन अभियंता एलपी बंजारे की प्रमुख भूमिका है। क्योंकि उनका निवास भी जिला पंचायत जांजगीर के सामने बने हाउसिंग बोर्ड में ही है। इसलिए सहायक अभियंता कार्यालय के हर कार्य में उनका सीधे दखल रहता है। इस पूरे मामले पर हाउसिंग बोर्ड कमिश्नर को संज्ञान लेनी की जरूरत है। जिससे ईई और एसडीओ की काली करतूत पर रोक लग सके।

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