अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें सात महीने के निचले स्तर पर फिर भी देश में नहीं घट रही कीमतें

पेट्रोलियम मंत्री बोले- अपने नुकसान की भरपाई कर रहीं तेल कंपनियां, इसलिए स्थिर हैं दाम

Report manpreet singh

Raipur chhattisgarh VISHESH : नई दिल्ली, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें सात महीने के निचले स्तर पर पहुंच गई हैं, लेकिन देश में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें नहीं घट रही है। बताया जा रहा है कि सरकारी तेल कंपनियों अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दामों में बढ़ोतरी के बावजूद बीते पांच महीनों तक ईंधन के खुदरा मूल्य को थाने रहीं और अब वे इस दौरान हुए अपने नुकसान की भरपाई कर रही हैं।वैश्विक मंदी की आशंका बीच मांग पर असर पड़ने से भेंट कूड फरवरी के बाद पहली बर पिछले हफ्ते 90 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया था।

हालांकि अब यह सुधरकर 92.84 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है जो छह महीने का सबसे निचला स्तर है। रूस के उत्तरी पाइपलाइन को बंद करने और तेल उत्पादक देशों के गठजोड़ ओपेक के तेल उत्पादन में कटौती करने जैसे कारकों के बावजूद कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट की स्थिति बनी हुई है।अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में कमी आने के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है।

कीमतों को बीते 158 दिनों से एक बिंदु पर स्थिर रखा गया है। इसको लेकर पूछे गए सवाल पर पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को मामले को अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम ऊंचे होने के बावजूद जनता को स्थिर कीमतों पर पेट्रोल, डीजल उपलब्ध कराने से सरकारी तेल कंपनियों को हुए नुकसान से जोड़ दिया। उन्होंने कहा, जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें अधिक थीं, तब हमने सस्ती दरों मे ईंधन उपलब्ध करवाया था l

08 सितंबर के डाटा के अनुसार, भारत वर्तमान में औसतन 88 डॉलर प्रति बैरल की दर से तेल आयात कर रहा है। बीते अप्रैल में औसत 102.97 डॉलर और जून में 116.01 डॉलर था। जुलाई में कीमतें गिरकर 105.49 डॉलर प्रति बैरल पर आ गई। अगस्त में औसत 97.40 डॉलर और सितंबर में 92.87 डॉलर रहा।

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