रायगढ़ में निर्मित रेल पटरियों पर अब दौड़ेंगी भारत की मेट्रो ट्रेनें
0 आत्मनिर्भर भारत की मुहिम में जेएसपीएल का बड़ा योगदान और उल्लेखनीय कदम
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : रायपुर/रायगढ़, नवीन जिन्दल के नेतृत्व वाली कंपनी जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड (जेएसपीएल) ने पुनः भारत माता का सिर गर्व से ऊंचा किया है। कंपनी के रायगढ़ प्लांट में तैयार हेड हार्डेंड रेल, जो कि हाई स्पीड रेलों के लिए होती है, आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में मील का पत्थर साबित हुई है। कोलकाता की जोको-एसप्लैनेड मेट्रो में ये स्वदेशी पटरियां बिछाई जाएंगी जिसकी पहली खेप रायगढ़ प्लांट से वहां पहुंच चुकी है। इसके साथ ही भारत में तेज रफ्तार मेट्रो ट्रेन और मोनो रेल को स्वदेशी पटरियों पर दौड़ाने का नया अध्याय शुरू हो गया है।
जेएसपीएल, छत्तीसगढ़ के सीओओ डीके सरावगी ने बताया कि भारत में जिन्दल स्टील एंड पावर लिमिटेड एकमात्र कंपनी है, जिसके छत्तीसगढ़ स्थित रायगढ़ प्लांट में हेड हार्डेंड रेल का उत्पादन होता है। अभी तक जितनी भी मेट्रो लाइनें तैयार हुई हैं, उनमें जापान और यूरोप से लाई गईं हेड हार्डेंड रेल का इस्तेमाल हुआ है। इन पटरियों पर 250 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से गाड़ियां दौड़ेंगी क्योंकि रायगढ़ प्लांट में इन्हें विशेष तरीके से तैयार किया गया है। आम रेल की पटरियों के मुकाबले ये पटरियां बहुत मजबूत होती हैं। जोको-एस्प्लैनेड मेट्रो में जेएसपीएल द्वारा तैयार 1080 ग्रेड हेड हार्डेंड रेल पटरियां बिछाई जा रही हैं, जिन्हें तैयार करने में अतिरिक्त हीट ट्रीटमेंट प्रणाली का इस्तेमाल किया गया है। देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में यह जेएसपीएल का बड़ा कदम है।
अब भारत में हेड हार्डेंड रेल की 20 फीसदी जरूरतों की आपूर्ति स्वदेशी स्रोतों से होगी, जो जेएसपीएल के लिए एक बड़ा अवसर है। श्री सरावगी ने विश्वास दिलाते हुए कहा कि हेड हार्डेंड रेल की जरूरत पूरी करने के लिए जेएसपीएल हर तरीके से तैयार है।
रेल विकास निगम (आर.वी.एन.एल.) ने जेएसपीएल की हेड हार्डेंड रेल का चयन अंतरराष्ट्रीय मानकों पर कसने के बाद कड़ी नीलामी प्रक्रिया से किया है। रिसर्च डिजायन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन (आर.डी.एस.ओ.) और रेल इंडिया टेकनिकल एंड इकोनॉमिक सर्विस (आर.आई.टी.ई.एस.) ने जेएसपीएल की रेल का अंतरराष्ट्रीय मानकों पर हर तरीके से सफलतापूर्वक परीक्षण किया है और अपनी स्वीकृति दी है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य के लिहाज से यह बड़ी उपलब्धि है क्योंकि देश में ही इन पटरियों के निर्माण से न सिर्फ लागत में कमी आएगी बल्कि इनका परिवहन भी कम खर्चे और कम समय में किया जा सकेगा। इसके साथ ही विदेशी मुद्रा की भी बचत होगी।
जेएसपीएल, छत्तीसगढ़ के सीओओ डीके सरावगी ने इस सफलता के लिए चेयरमैन नवीन जिन्दल, प्रबंध निदेशक वी.आर. शर्मा और शीर्ष प्रबंधन की ओर से पूरी टीम को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। जेएसपीएल के प्रेसिडेंट एवं रेल एसबीयू हेड श्री विजय कुमार चामा ने जेएसपीएल के उत्पाद में विश्वास जताने के लिए रेल विकास निगम के प्रति आभार जताया है। जेएसपीएल अभी 3000 टन हेड हार्डेंड रेल की आपूर्ति कोलकाता मेट्रो को कर रही है। फिलहाल ये पटरियां कोलकाता मेट्रो के जोको से मोमिनपुर तक बिछाई जाएंगी। जेएसपीएल राष्ट्र निर्माण का यह क्रम जारी रखेगी।