श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा बहुप्रतीक्षित स्काईवॉक की परियोजना पर काम शुरू – लगभग 10 करोड़ की लागत से 200 मीटर लंबा स्काईवॉक का होगा निर्माण

Raipur chhattisgarh VISHESH

Report manpreet singh : श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा बहुप्रतीक्षित स्काईवॉक की परियोजना पर काम शुरू कर दिया गया है. लगभग 10 करोड़ की लागत से 200 मीटर लंबा स्काईवॉक का निर्माण किया जा रहा है. रविवार को जम्मू कश्मीर के मुख्य सचिव अरुण मेहता ने कार्य स्थल का दौरा किया.

उनके साथ श्राइन बोर्ड के सीईओ अशुंल गर्ग भी उपस्थित थे. मुख्य सचिव डॉ अरुण कुमार मेहता ने तीर्थयात्रियों की सुविधाओं के उन्नति के लिए बोर्ड की विभिन्न चालू परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा की.

मुख्य सचिव डॉ. मेहता ने श्राइन बोर्ड द्वारा प्रदान की जाने वाली सड़क के किनारे की सुविधाओं और बोर्ड की विभिन्न मेगा परियोजनाओं का जायजा लिया.पांच मंजिला दुर्गा भवन में स्वच्छ ऊर्जा के दोहन के लिए पर्याप्त प्रावधान, मौजूदा एसटीपी से जोड़ने वाले अपशिष्ट जल के पुनर्चक्रण और लिफ्ट आदि के प्रावधान के अलावा सभी आवश्यक सुविधाएं होंगी.

सीईओ अंशुल गर्ग ने बताया कि श्राइन बोर्ड आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए सुविधाओं को और बढ़ाने के लिए सभी विकास कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहा है. चल रहे कार्यों का निरीक्षण करने के बाद, डॉ अरुण कुमार मेहता ने माँ वैष्णो देवी के दर्शन किये l

मुख्य सचिव को अंशुल गर्ग ने बताया कि तीर्थयात्रियों की आवाजाही पर नजर रखने के लिए हाल ही में रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र (आरएफआईडी) शुरू करने के बाद, श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड (एसएमवीडीएसबी) ने बहुत जरूरी स्काईवॉक की अवधारणा पर काम शुरू कर दिया है. सुरक्षा और सुविधा पर जोर देने के साथ-साथ भवन में आने वाले और बाहर जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए अलग-अलग मार्ग प्रदान करेगा. 9.89 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाले इस स्काईवॉक की लंबाई लगभग 200 मीटर और इसकी चौड़ाई 2.5 मीटर होगी.

स्काईवॉक में वरिष्ठ नागरिकों के बैठने की व्यवस्था होगी और लगभग 150 भक्तों के बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए वॉशरूम सुविधाओं से लैस दो वेटिंग रूम का भी निर्माण किया जा रहा है, जिसका काम नवंबर तक पूरा होने की उम्मीद है. दुर्गा भवन की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए सीईओ ने बताया कि यह उच्च उपयोगिता तीर्थ-केंद्रित सुविधा शीघ्र ही चालू होने की संभावना है.

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