बिहार में इसबार नए नियम से होगा चुनाव — सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चुनाव आयोग का फैसला

   

Report manpreet singh 

RAIPUR chhattisgarh VISHESH : बिहार में अगले कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं और चुनाव आयोग अभी से इसकी तैयारी में जुट गया है। बिहार में इसबार नए नियम के साथ विधानसभा चुनाव होगी। इस बार ऐसे ही नियम और व्यवस्थाएं होंगी जो पहली बार लागू होंगी।

निर्वाचन आयोग ने यह प्रावधान लागू किया है कि अब वैसे उम्मीदवार जिनके खिलाफ आपराधिक मुकदमें हैं उन्हें अगर राजनीतिक दल अपना उम्मीदवार बनाती है तो उन्हें समाचार पत्रों में छाप कर यह बताना होगा कि उन्होंने दागी व्यक्ति को उम्मीदवार क्यों चुना। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मद्देनजर यह प्रावधान सभी मान्यता प्राप्त दलों के लिए लागू किया है। बिहार में इसबार नए नियम से होगा चुनाव। दलों को बताना होगा दागियों को क्यों दिया टिकट। चुनाव आयोग ने बिहार की सभी 150 रजिस्टर्ड राजनीतिक दलों से कहा है कि इसबार अगर वे दागी उम्मीदवार को अपना प्रत्याशी बनाते हैं तो उन्हें ये बात सार्वजनिक रूप से बतानी पड़ेगी।

पार्टी को टिकट देने की वजह बताने के साथ-साथ ये भी सार्वजनिक करना पड़ेगा कि उम्मीदवार पर कैसे मामलों में मुकदमा चल रहा है और उनपर किस तरह के अपराध का आरोप है। यही नहीं राजनैतिक दलों को अखबारों में यह सूचना प्रकाशित करनी होगी। निर्वाचन विभाग ने निर्देश जारी करते हुए बताया कि अगर ऐसे लोगों को वो इस चुनाव में अपना उम्मीदवार बनाते है जिन पर अपराध का केस चल रहा है तो उनको 48 घंटे के भीतर फॉर्मेट सी 7 के तहत समाचार पत्रों में इसकी सूचना देनी होगी।

चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फैसला लिया है। चुनाव के इस आदेश के बाद माना जा रहा है कि चुनाव में दागी और अपराधी प्रवृत्ति के लोगों की जगह अच्छे उम्मीदवार बनाने में मदद मिलेगी ताकि सदन में साफ-सुथरी छवि के लोग पहुंच सके। आपको बता दें कि इस साल के अक्टूबर-नवंबर में बिहार में विधानसभा के चुनाव होने हैं। बिहार की 243 सीटों के लिए विभिन्न पार्टियां चुनावी मैदान में होंगी जिनमें कई दागी चेहरे भी होंगे ऐसे में निर्वाचन आयोग के इस नियम का पार्टियों पर क्या असर पड़ता है ये देखना दिलचस्प होगा।

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