एनएसओ का सुपरविजन मॉड्यूल वेब एवं मोबाइल एप्लिकेशन पर राज्‍यस्‍तरीय प्रशिक्षण सम्‍मेलन सम्‍पन्‍न

रायपुर: 05 नवम्‍बर, 2024 राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO), रायपुर में आज, डिजिटल जनरल क्रॉप एस्टिमेशन सर्वे के सुपरविजन मॉड्यूल के वेब/मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रशिक्षण हेतु...

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राज्योत्सव के अवसर पर जनसंपर्क विभाग की फोटो प्रदर्शनी का अवलोकन करने लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे स्टाल

जनसंपर्क विभाग द्वारा लोगों को विभाग योजनाओं से संबंधित जनमन, सुशासन का सूरज, रोजगार नियोजन, सुशासन के नवीन आयाम की पुस्तिका का किया जा रहा...

समय सीमा में नस्ती प्रस्तुत नहीं किये जाने पर संबंधित शाखा लिपिक के विरूद्ध होगी अनुशासनात्मक कार्रवाई : कलेक्टर

कलेक्टर ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को अपने विभाग की फाईल को निराकरण करने के लिए तीन दिवस के भीतर नस्तीयां प्रस्तुत करने के दिए...

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मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की पहल से नगर पंचायत क्षेत्र कुनकुरी की संवरेगी तस्वीर

ढाई करोड़ से अधिक की राशि से होगा पूरा कायाकल्प जशपुरनगर,05 नवंबर 2024/ श्री विष्णुदेव साय के मुख्यमंत्री बनने के बाद प्रकृति की गोद में...

कारीगरों का सम्मान: पीएम विश्वकर्मा योजना

प्रविष्टि तिथि: 04 NOV 2024 5:31PM by PIB Delhi 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत भर के कारीगरों और शिल्पकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण पहल का अनावरण किया: पीएम विश्वकर्मा योजना। 17 सितंबर, 2023 को विश्वकर्मा जयंती के दौरान द्वारका, नई दिल्ली स्थित इंडिया इंटरनेशनल कन्वेंशन एंड एक्सपो सेंटर में लॉन्च की गई यह योजना, पारंपरिक शिल्प कौशल का समर्थन करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। 16 अगस्त, 2023 को पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति द्वारा अनुमोदित, पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य विभिन्न पारंपरिक शिल्पों में कुशल व्यक्तियों का उत्थान करना है, जिससे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित किया जा सके।  यह योजना अनौपचारिक या असंगठित क्षेत्र में लगे कार्यबल के एक महत्वपूर्ण हिस्से को लक्षित करती है, जहाँ लोहार, सुनार, कुम्हार, मूर्तिकार, बढ़ई जैसे कारीगर अपने हाथों और औजारों से काम करते हैं। इन कारीगरों  को विश्वकर्मा कहा जाता है। कारीगरों के ये कौशल अक्सर पीढ़ियों से आगे बढ़ते हैं, गुरु-शिष्य प्रारूप का पालन करते हुए मार्गदर्शन और प्रशिक्षण देते हैं, जो सदियों पुरानी परंपराओं की निरंतरता को बढ़ावा देता है। कारीगरों के उत्पादों की गुणवत्ता और बाजार पहुंच को बढ़ाकर, पीएम विश्वकर्मा योजना इन कुशल व्यक्तियों को घरेलू और वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं, दोनों में एकीकृत करना चाहती है। अपनी शुरुआत के बाद से, इस योजना के प्रति कारीगरों ने उल्लेखनीय रुचि दिखायी है, जिसके तहत 25.8 मिलियन आवेदन जमा किए गए हैं। इनमें से, 2.37 मिलियन आवेदकों ने तीन-चरण की सत्यापन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद सफलतापूर्वक पंजीकरण कराया है।        *4 नवंबर, 2024 तक इसके अलावा, लगभग 1 मिलियन पंजीकृत कारीगरों को ई-वाउचर के माध्यम से 15,000 रुपये तक के टूलकिट प्रोत्साहन से लाभ हुआ है, जिससे वे अपने शिल्प कौशल में वृद्धि करने वाले आधुनिक उपकरण प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं। पीएम विश्वकर्मा योजना पारंपरिक शिल्प को पुनर्जीवित करने और देश की सांस्कृतिक विविधता और विरासत को मूर्त रूप देने वाले कारीगरों का समर्थन करने के लिए भारत सरकार के संकल्प का प्रमाण है। योजना की मुख्य बातें पीएम विश्वकर्मा योजना केंद्र सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित है, जिसका वित्तीय परिव्यय पांच साल (वित्त वर्ष 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28) की अवधि के लिए 13,000 करोड़ रुपये है। विश्वकर्माओं को बायोमेट्रिक-आधारित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल का उपयोग करते हुए सामान्य सेवा केंद्रों के माध्यम से निःशुल्क पंजीकृत किया जाता है। कारीगरों और शिल्पकारों को पीएम विश्वकर्मा प्रमाणपत्र और एक आईडी कार्ड के माध्यम से मान्यता प्रदान की जाती है। उन्हें 5% की रियायती ब्याज दर के साथ 1 लाख रुपये (पहली किस्त) और 2 लाख रुपये (दूसरी किस्त) तक का गिरवी-मुक्त ऋण समर्थन प्राप्त होता है। भारत सरकार 8% की सीमा तक ब्याज अनुदान देती है और यह धनराशि बैंकों को अग्रिम रूप से प्रदान की जाती है। यह योजना, शिल्पकारों को बुनियादी और उन्नत प्रशिक्षण, 15,000 रुपये का टूलकिट प्रोत्साहन तथा डिजिटल लेनदेन और विपणन सहायता के लिए प्रोत्साहन सहित कौशल उन्नयन के तरीके प्रदान करती है।...