इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर जिला उपभोक्ता आयोग दुर्ग ने लगाया 76 हजार जुर्माना के साथ ही ब्याज भी देने कहा
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : बीमा कंपनी ने ग्राहक ने बीमित गाय की मृत्यु होने पर बीमा क्लेम किया गया लेकिन बीमा कंपनी द्वारा दस्तावेज नहीं देने का कारण बताते हुए क्लेम लंबित रखा जिसके बाद जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत प्रस्तुत करने पर आयोग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये एवं लता चंद्राकर ने संयुक्त रूप से फैसला सुनाते हुए बीमा कंपनी इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड पर रु. 76000 हर्जाना लगाया, जिस पर बीमा कंपनी को अलग से ब्याज भी देना होगा।
ग्राहक की शिकायत
ग्राम विनायकपुर तहसील दुर्ग निवासी बृजलाल देवांगन ने जिला सहकारी बैंक की अंडा शाखा से गौ पालन हेतु ऋण प्राप्त कर पशु क्रय किए थे और इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से पशुओं का बीमा भी करवाया था जिसमें से एक गाय की मृत्यु बीमा अवधि के दौरान दिनांक 18 सितंबर 2018 को हो गई जिसकी सूचना एवं क्लेम फार्म जिला सहकारी केंद्रीय बैंक शाखा अंडा के माध्यम से बीमा कंपनी को भेजा परंतु अनावेदक बीमा कंपनी ने बीमाधन का भुगतान ना कर टालमटोल किया।
बीमा कंपनी का बचाव
बीमा कंपनी ने जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष उपस्थित होकर बचाव लिया कि बीमा कंपनी ने परिवादी से आवश्यक दस्तावेजों को प्रस्तुत करने हेतु मांग पत्र जारी किया था परंतु परिवादी ने बीमा कंपनी को दस्तावेज प्रदान नहीं किया ना ही कोई जवाब दिया, इस कारण उसका बीमा दावा आज भी लंबित है। बीमा कंपनी ने सेवा में निम्नता की श्रेणी में आने वाला कोई कार्य नहीं किया है।
आयोग का फैसला
प्रकरण में पेश दस्तावेजों के आधार पर जिला उपभोक्ता आयोग के अध्यक्ष लवकेश प्रताप सिंह बघेल, सदस्य राजेन्द्र पाध्ये एवं लता चंद्राकर ने बीमा कंपनी के बचाव को स्वीकारयोग्य नहीं माना और प्रमाणित पाया कि परिवादी की ओर से आवश्यक दस्तावेज प्रदान कर दिये गए थे, किंतु बीमा कंपनी ने अनैतिक व्यापार व्यवहार अपनाते हुए बीमा दावा नहीं दिया। इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को बीमा सेवा में निम्नता का जिम्मेदार ठहराते हुए 76000 रुपये हर्जाना लगाया गया, जिसमें मृत गाय की बीमा दावा राशि 60000 रुपये, मानसिक कष्ट की क्षतिपूर्ति स्वरूप 15000 रुपये तथा वाद व्यय के रूप में 1000 रुपये देना होगा। साथ ही 6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्याज भी देना होगा।