स्कूलों की फीस तय करने बनाई जाएगी अभिभावकों की समिति, विधेयक हुवा विधानसभा में पारित, मनमानी पर लगेगा विराम

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH : स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेम साय सिंह टेकाम ने कहा कि कमेटी समिति में क्लेक्टर द्वारा नामांकित नोडल सदस्य प्रायमरी, मिडिल, हाई स्कूल के स्कूल से नामांकित दो-दो सदस्य होंगे. निजी स्कूलों की सबसे कम फीस पंजाब में है उसे भी आधार बनाया गया है. विद्यालय समिति फीस बढ़ाने की अनुशंसा जिला समिति को करेगी. नियमों का उल्लंघन करने वाले विद्यालय के प्रथम उल्लंघन पर 50 हजार, फीस लेने की राशि का 2 गुना, दूसरी गलती पर 1 लाख जुर्माना, तीसरे उल्लंघन पर लिए गए फीस का 4 गुना जुर्माना लगेगा. सीएम ने कहा विद्यालय के विवादों पर भी समिति निर्णय करेगी।।

विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन छत्तीसगढ़ अशासकीय विद्यालय फीस विनिमयन विधेयक 2020 बहुमत से पारित हो गया. छ्त्तीसगढ़ में कई संगठन और अभिभावक समय-समय पर अशासकीय विद्यालयों में फीस वृद्धि का विरोध करते रहे हैं. अब स्कूलों में फीस तय करने अभिभावक की समिति बनाई जाएगी वही निजी स्कूल में फीस तय करेगी।।

शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह ने कहा पालकों की शिकायतों को दूर करने और फीस को नियंत्रित करने विधेयक लाया गया है. फिर पर नियंत्रण रखने 3 समिति बनाई जाएगी. एक समिति स्कूल स्तर पर, एक समिति जिला स्तर पर और एक समिति राज्य स्तर पर बनाई जाएगी।।

विपक्ष की ओर से बोलते हुए बीजेपी विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने आपत्ति दर्ज कराई यह निजी स्कूलों को अपने नियन्त्रण में लेने की कोशिश है. तीन समिति की जरूरत क्या है. कलेक्टर पालकों के बच्चों की नियुक्ति किस आधार पर करेगा. निजी स्कूलों की स्वायत्तता पर नियंत्रित न करें।।

स्कूलों में पालक के प्रतिनिधि के साथ विधायक को भी समिति में शामिल किया जाए. इस विधेयक से अच्छे स्कूल बंद न हो जाएं सरकार पॉजिटिव इम्पेक्ट से लाया है, मगर निगेटिव इम्पैक्ट ज्यादा पड़ेगा. इस विधेयक पर मंथन हो विचार हो. इस पर विधायक चंद्रदेव राय ने बृजमोहन अग्रवाल से कहा आप अपने परिवारों के स्कूल के बारे में चिंता कर रहे हैं।।

मनमानी फीस वसूली को लेकर सदन में चर्चा के दौरान कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव ने अपना अनुभव साझा किया. छात्र राजनीति के दौर में कभी इस मुद्दे पर संघर्ष किया करते थे. तत्कालीन सरकार का घेराव भी किया. लाठी-डंडे भी खाएं और खूब आंदोलन भी किए इस बात की खुशी है कि आज इसी विषय पर विधेयक सदन में आया है. जिससे छात्रों और चालकों को राहत मिलेगी. मध्यम वर्गीय परिवार के पालक भी अपने बच्चों को अच्छे और बड़े स्कूलों में पढ़ा सकेंगे. राज्य सरकार ने जन भावनाओं को समझते हुए महत्वपूर्ण फैसला लिया है।।

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा जन भावनाओं को समझते हुए विधेयक सदन में लाया गया है. मैं इसके पक्ष में हूं. लेकिन सरकार को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि फीस कम होने के वजह से कहीं ऐसा ना हो कि छात्रों की सुविधाएं ही कम कर दी जाए. शिक्षा की गुणवत्ता से कोई समझौता किया जाए ऐसा होगा तो इस विधेयक के सदन में पारित करने का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा, जो सुविधाएं स्कूलों में उपलब्ध कराई जाती हैं फीस कम होने के बावजूद निरंतर जारी रहना चाहिए. सरकार को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है।।

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

MATS UNIVERSITY

ADMISSION OPEN


This will close in 20 seconds