Teachers’ Day special : शिक्षकों ने ऐसे बढ़ाया हौसला कि गांव के स्कूल में पढ़कर पहले बने डॉक्टर फिर IAS अफसर

Report manpreet singh 

Raipur chhattisgarh VISHESH :छत्तीसगढ़ विशेष आज शिक्षक दिवस पर उन सफल लोगों की कहानी आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हैं जिनकी सफलता का सबसे बड़ा श्रेय उनके गुरुजनों को जाता है। ऐसे ही एक शख्स है दुर्ग कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे l 

शिक्षक दिवस पर आज छत्तीसगढ़ विशेष सलाम करता है उन  शिक्षको के  व्यक्तित्व को, हमारी सफलता के पीछे हमेशा शिक्षकों का ही योगदान रहा है। छात्र जीवन के दौरान हमारी जिंदगी में आए हर वह शिक्षक वंदनीय है जिन्होंने हमें आगे बढऩे की प्रेरणा दी। पहले डॉक्टर और फिर आईएएस तक का सफर बिना शिक्षक के संभव ही नहीं था। घर में शिक्षक पिता को प्रेरणा माना और स्कूल पहुंचा तो वहां सभी शिक्षकों ने ऐसे साथ दिया जैसे हम उनके अपने बच्चे हों।

महाराष्ट्र के भंडारा जिले के एक छोटे से गांव के सरकारी स्कूल में मेरी पढ़ाई हुई। हमारे गांव में कोचिंग का चलन नहीं था। शिक्षक ने जो पढ़ाया वह ही हमारे लिए काफी होता था और शिक्षक भी उतनी ही शिद्दत से पढ़ाते थे। स्कूल हो या कॉलेज हम अपने शिक्षक को ही रोल मॉडल मानकर चलते थे। इसलिए शिक्षकों का बेहतर बर्ताव भी हमेशा आगे बढऩे की प्रेरणा देता था।

शिक्षकों के दिए ज्ञान और मेहनत ने मुझे एक होनहार छात्र बना दिया। साथ ही पिताजी भी शिक्षक थे तो उन्होंने कभी दोहरी भूमिका निभाई। पिता बनकर सपनों को पूरा करने का हौसला दिया तो कभी शिक्षक बनकर गलतियों को भी बताया ताकि मैं उसे सुधार सकूं। मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया तो प्रोफेसर्स ने मुझे एक हीरे की तरह तराशा और मैं एक सफल डॉक्टर बना।

शिक्षकों से मिली प्रेरणा और समाज के प्रति संवेदनशील रहने की शिक्षा ने ही आईएएस की राह दिखाई। शिक्षक दिवस पर किसी एक शिक्षक का नाम लेना संभव नहीं है, पर मेरे स्कूल के शिक्षकों ने मेरी प्राथमिक और मीडिल स्कूल की बुनियाद को इतना मजबूत किया जिसकी वजह से मैं हर कठिन परीक्षा पास करता चला गया। हम कितने भी उच्च पद पर क्यों न हो पर शिक्षकों के सामने आज भी हम नतमस्तक ही हैं।

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