मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया डॉ.पुरुषोत्तम चंद्राकर का सम्मान

Read Time:5 Minute, 0 Second

छत्तीसगढ़ की पारंपरिक लोक कला के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए मुख्यमंत्री ने किया डॉ. पुरुषोत्तम चंद्राकर का सम्मान

Raipur chhattisgarh VISHESH रायपुर छत्तीसगढ़ दिवस के आयोजन अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री मान. विष्णुदेव साय जी ने लोक कला के संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिए छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ लोक कलाकार डॉ.पुरुषोत्तम चंद्राकर का भव्य एवं गरिमामय मंच में सम्मान किया।
इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और परंपरागत लोक गीत नृत्यों की प्रस्तुति डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर कृत लोकरंजनी लोककला सांस्कृतिक मंच रायपुर द्वारा दी गई।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ दिवस हमारे राज्य की संस्कृति परंपराओं और प्रगति को देश – दुनिया के सामने पेश करने का अवसर है। यह विकसित छत्तीसगढ़ के सपने को साकार करने की दिशा में अहम कदम है
पारंपरिक लोक गीत नृत्य की देशभर में विशेष प्रस्तुतियां
लोकरंजनी लोक कला सांस्कृतिक मंच के संचालक डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ी लोक कला सांस्कृतिक कार्यक्रम गौरा- गौरी, भोजली, राउत नाचा, सुआ,,पंथी और करमा जैसे पारंपरिक लोक गीत नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी । लोक रंजनी के माध्यम से डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर ने छत्तीसगढ़ की पारंपरिक लोकगीत नीतियों की प्रस्तुति अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी भारतीय दिवस बेंगलुरु, भारत रंग महोत्सव मुंबई, संगीत नाटक अकादमी नई दिल्ली के माध्यम से अगरतला, शिलांग, जोधपुर, राष्ट्रीय कला साधक संगम गुवाहाटी, भाग्य नगर हैदराबाद, भारत भवन भोपाल, कालिदास महोत्सव उज्जैन, जबलपुर, भारत पर्व नई दिल्ली, दक्षिण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र नागपुर के माध्यम से अनेक प्रदेशों महाराष्ट्र नागपुर छत्तीसगढ़ में कार्यक्रम की प्रस्तुति, अंतरराष्ट्रीय गिरमिटिया महोत्सव कुशीनगर उत्तर प्रदेश, श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा अवसर अयोध्या, कोलकाता, भुवनेश्वर, गोवा, पुणे, अंतर्राष्ट्रीय कुल्लू दशहरा हिमाचल प्रदेश, विरासत महोत्सव देहरादून, महाकुंभ उज्जैन, प्रयागराज, हरिद्वार, मैसूर, चेन्नई, कांटा भाजी उड़ीसा में कार्यक्रम की प्रस्तुति दिए इसके अलावा छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण महोत्सव राजिम कुंभ, बिलासा महोत्सव, खैरागढ़ महोत्सव, भोरमदेव महोत्सव, सिरपुर महोत्सव, राज्योत्सव, जाजली देव महोत्सव, मैनपाट महोत्सव में छत्तीसगढ़ की लोक कला और सांस्कृतिक विविधता को जीवंत किया । नृत्य की सामूहिक और भव्य प्रस्तुतियां गौरा – गौरी, की धार्मिक परंपरा सुआ नृत्य के भावपूर्ण गीत और राउत नाचा की ऊर्जा दर्शकों को छत्तीसगढ़ की जीवंत लोक परंपराओं से जोड़े, पंथी और करमा नृत्य अपनी आध्यात्मिकता और भक्ति भाव से कार्यक्रम में अलग रंग भरें। उपस्थित दर्शकों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम का बहुत ही उत्साह के साथ आनंद उठाया छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ कलाकारों ने डॉक्टर पुरुषोत्तम चंद्राकर को इस उपलब्धि के लिए बधाई दिए।
इस अवसर पर संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ शासन के संस्कृति एवं राजभाषा संचालक विवेक आचार्य संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी जी, राहुल भगत जी, युगल तिवारी जी की गरिमामय उपस्थिति रही।

Happy
Happy
0 %
Sad
Sad
0 %
Excited
Excited
0 %
Sleepy
Sleepy
0 %
Angry
Angry
0 %
Surprise
Surprise
0 %