एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सन्ना में जनजातीय गौरव दिवस का हुआ आयोजन
बिरसा मुण्डा के जीवन एवं आदिवासी पारंपरिक व्यंजन, आदिवासी संसाधन, रंगोली, चित्रकला का किया गया प्रदर्शन
आदिवासी घरो में उपयोग किए जाने वाली सूपा, घुंघू, कुमनी, बांस की टोकरी, छिन्द की चटाई, तीर-कमान, हंसुआ, झुमकी और टंगिया संसाधनों को भी दिखाया गया
Raipur chhattisgarh VISHESH जशपुरनगर 20 नवंबर 2024/ राष्ट्रीय आदिवासी छात्र शिक्षा समिति, नई दिल्ली एवं आयुक्त, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास नवा रायपुर के निर्देशानुसार 15 से 26 नवंबर 2024 तक धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के तहत् जनजातीय गौरव दिवस में विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसी क्रम में एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय सन्ना में जनजातीय गौरव दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान विद्यालय में विभिन्न पारंपरिक सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित हुई।
कार्यक्रम में सर्व प्रथम अतिथियों का पांरपरिक नृत्य और आदिवासी पारंपरिक गमछा पहनाकर स्वागत किया गया, इसके पश्चात् धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यापर्ण कर कार्यक्रम की शुरूवात की गई।
इस दौरान विद्यालय के छात्रों ने अपनी प्रतिभानुसार विभिन्न प्रस्तुति दी। इसमें कु. अंतरा एवं साथी द्वारा भगवान बिरसा मुण्डा की आरती की गई और कु. एजिलियन तिर्की द्वारा भगवान बिरसा मुण्डा के जीवन परिचय से अतिथियों का अवगत कराया गया। कु. शिवानी एवं साथी द्वारा करमा नृत्य प्रस्तुत किया गया। कु. कामिनी सिंह द्वारा भगवान बिरसा मुण्डा जीवन चरित्र पर भाषण प्रस्तुत किया गया। कु. पुष्पा बाई द्वारा कविता का प्रस्तुतीकरण किया गया।
बिरसा मुण्डा के जीवन एवं आदिवासी पारंपरिक व्यंजन, आदिवासी संसाधन, रंगोली, चित्रकला, पोस्टर का भी किया गया प्रदर्शन
धरती आबा भगवान बिरसा मुण्डा के जन्म, जन्म स्थली, उनके परिवार, गाँव, अंग्रेजों से संघर्ष एवं मृत्यु तक मॉडल के माध्यम से प्रदर्शित किया गया। विभिन्न पारंपरिक व्यंजनों का प्रदर्शन किया गया, साथ ही उनके लाभ के बारे में भी जानकारी दी गई, व्यंजन में मकई रोटी, मड़वा की रोटी, ठोका रोटी चावल के आटे का बना, बरा रोटी चावल एवं उरद से बना, चावल की पूड़ी, अरसा रोटी चावल गुड़ एवं तील से बना, जो त्योहारों के उपलक्ष्य में सभी आदिवासी घरो में बनाया जाता है, फर्रा चावल के आटे का बना, अरबी कोचई की सब्जी, किरमिचा भाजी, कोहड़ा भाजी, मुनगा भाजी, चेंच सुकटी, लाल कांदा, बेंग भाजी का प्रदर्शन किया गया, ये सारे खाद्य सामग्री बच्चों द्वारा ही बनाया गया, प्रदर्शन में इनके स्वास्थ्य लाभ के बारे में विस्तृत जानकारी प्रदान की गई।
विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में छात्रों ने आदिवासी घरो में उपयोग किए जाने वाली संसाधन की भी झलकियॉ दिखाई। इनमें सूपा, घुंघू बरसात के दिनों में बारिस से बचने हेतु, कुमनी मछली पकड़ने का यंत्र, मछली पकड़ने की जाल, टोकरी बांस से बना, पटिया छिन्द की चटाई, तीर-कमान, हंसुआ फसल काटने का औजार, झुमकी, टंगिया, एवं मांदर का प्रदर्शन किया गया, छात्राओं द्वारा बिरसा मुण्डा से संबंधित रंगोली, चित्रकारी, पोस्टर का भी प्रदर्शन किया गया।
जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित आदिवासी विकास के सहायक आयुक्त श्री संजय कुमार सिंह द्वारा भगवान बिरसा मुण्डा के अलावा जनजातीय वर्ग के स्वतंत्रता सेनानी जैसे शहीद वीर नारायण सिंह, श्री गेंद सिंह, श्री हनुमान सिंह, श्री गुण्डाधुर के साथ ही जशपुर अंचल के संत गहिरा गुरू के द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्याे का संक्षिप्त जानकारी दी गई तथा इनसे सीख लेकर आदिवासी समाज के उत्थान के लिए विद्यालय के छात्रों को प्रेरणा दी गई। विद्यालय जिनके नाम से संचालित हो रहा है, ऐसे एकलव्य की जीवनी बच्चों को पढ़ने तथा सिखने की बात कही गई।
विशेष अतिथि आदिवासी विकास विभाग के सहायक संचालक श्री घनश्याम सिंह द्वारा बच्चों द्वारा किए गए पेंटिंग, चित्रकारी की प्रशंसा करते हुए शारीरिक, मानसिक, बौद्धिक विकास तथा खेल-कूद, सांस्कृति कार्यक्रम के साथ-साथ शैक्षणिक सत्र में बोर्ड की परीक्षा में उत्कृष्ठ प्रदर्शन हेतु शुभकामनाएं दी गई। राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम भुवनेश्वर उड़िसा में सम्मिलित कु. मेघा भगत, कु. सोनिया पन्ना, कु. बम्लेश्वरी, कु. किरण पैंकरा तथा संभाग स्तर पर खेल-कूद प्रतियोगिता में सम्मिलित होने वाले 25 छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। इस दौरान कार्यक्रम का संचालन टी.जी.टी. श्री बंसत कुमार गुप्ता एवं संगीत शिक्षक श्री भोज कुमार द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में सरपंच ग्राम पंचायत सन्ना श्रीमती रेशमा मिंज, एकलव्य विद्यालय की संरक्षक श्रीमती काजल राय, पो.मै.अ.ज.जा. बालक छात्रावास सन्ना के अधीक्षक श्री कपिल कुजूर, ग्रामवासी, प्राचार्य श्री अनित कुमार चटर्जी, समस्त स्टॉफ सहित विद्यालय के सभी बच्चे उपस्थित थे।