छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल अंबेडकर अस्पताल में पेंशनरो की दवाई में लापरवाई व अनियमितता

रिपोर्ट मनप्रीत सिंह 

रायपुर छत्तीसगढ़ विशेष : छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े अस्पताल अंबेडकर अस्पताल में पेंशनरो की दवाई में लापरवाई व अनियमितता देखि जा रही है l यहाँ ये पाया गया है की प्रत्येक माह पेंशनरो को दवाईया लिखवाने के बाद में 08 से 12 दिनों में दवाइया दी जाती है जब की दवाइया 02 से 03 दिन में देने का नियम है l कई बार 08 से 12 दिनों में बुलाई तारीख को भी दवाईया प्राप्त नहीं होती l पेंशनर (सीनियर सिटिज़न ) को बार बार हॉस्पिटल का चकर लगाना पड़ता है l वृद्धावस्था होने के कारण मरीज ज्यादा चल फिर नहीं सकता शासन द्वारा सीनियर सिटीजन क हितो के लिए कई सहूलते देती है ,बैंको द्वारा भी सीनियर सिटीजन को घर पहुंच सेवा दी जा रही है और यहाँ दवाईओ के लिए भटकाया जा रहा है l 

कई जैनेरिक दवाइयों का बिल नॉन जैनेरिक दवाइयों का बना कर लाखो का वारा न्यारा किया जा रहा है l इस और किसी अधिकारिओ का ध्यान क्यों नहीं जाता l दवाइयों के बिल की एक प्रति मरीज को भी देना चाहिए जिस से उसे पता चले की उसे सही दवा मिली की नहीं l साथ ही शासन के गाइड लाइन के अनुसार स्टोर में कार्येरत कर्मचारी सम्भवता B फार्मा या M /फार्मा होना चाहिए जो की वास्तव में नहीं होता है l 

कोरोना महामारी के चलते बुजुर्ग सबसे ज्यादा बीमार हो रहे हैं और ऐसे में दवाइयां लेट मिलने पर उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पेंशनर्स की इन परेशानियों से स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अनभिज्ञ है। एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी दवाओं के लिए सरकार हर साल करोड़ो का बजट आवंटित करती है l पेंशनर्स को सरकार की ओर से स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं दिए जाने की व्यवस्था 64 सालों से चली आ रही थी। इसके अनुसार शासकीय सेवा से रिटायर होने वाले को पेंशन संचालनालय से कार्ड जारी किया जाता था। इसके आधार पर जिला एवं अन्य शासकीय अस्पतालों में पेंशनर्स का रजिस्ट्रेशन होता था। जरूरत के हिसाब से हर 15 दिन में उनका चैकअप होता था और दवाइयां दी जाती थी, लेकिन कुछ सालों से यह व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई और पेंशनर्स दर- दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं l छत्तीसगढ़ विशेष आंबेडकर अस्पताल के प्रबंधन से ये आशय रखता है की इस पर जल्द ही कुछ निर्णय ले कार्यवाही करे l

 

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