भारत के प्रशासनिक अधिकारी विज़न 2047 को आकार देंगे: डॉ. जितेंद्र सिंह ने एलबीएसएनएए में निरंतर सीखने और क्षमता निर्माण करने का आह्वान किया
उन्होंने एलबीएसएनएए में अधिकतम शासन और नागरिक-केंद्रित सुधारों पर बल दिया
डॉ. जितेंद्र सिंह ने एलबीएसएनएए में कहा, प्रशासनिक अधिकारी भारत के भविष्य के निर्माता हैं
Posted On: 11 OCT 2024 7:50PM by PIB Delhi
केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) के 99वें फाउंडेशन कोर्स के युवा अधिकारियों को संबोधित करते हुए भारत में शासन के उभरते परिदृश्य को समझने और सही रास्ता दिखाने के लिए निरंतर सीखने और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया। देश के भविष्य को आकार देने में प्रशासनिक अधिकारियों की सक्रिय भूमिका पर रोशनी डालते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने अधिकारियों से अनुकूलनशील रहने, नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और नागरिक-केंद्रित शासन को बढ़ावा देने का आग्रह किया, क्योंकि भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। मंत्री महोदय ने एक मजबूत, नागरिक-केंद्रित प्रशासन को बढ़ावा देने में प्रशासनिक सेवाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला और तेजी से विकसित हो रहे समाज की चुनौतियों का सामना करने के लिए निरंतर सीखने और अनलर्निंग की जरूरत को रेखांकित किया।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में 99वें फाउंडेशन कोर्स के युवा अधिकारियों को संबोधित कर रहे हैं
अपने संबोधन के दौरान, डॉ. जितेंद्र सिंह ने “अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार” पर सरकार के फोकस की ओर ध्यान आकर्षित किया, यह एक सिद्धांत है, जिसने प्रशासनिक प्रक्रियाओं में विलम्ब होने की स्थिति को कम करने और पारदर्शिता बढ़ाने के उद्देश्य से सुधारों का मार्गदर्शन किया है। उन्होंने शासन में प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर दिया तथा साथ ही नागरिकों और सरकारी अधिकारियों दोनों के लिए प्रक्रियाओं को सुगम बनाने की आवश्यकता पर भी बल दिया। मंत्री महोदय ने कहा, “शासन में सुगमता का अर्थ है, नागरिकों की बढ़ती भागीदारी, अधिक पारदर्शिता और प्रौद्योगिकी का प्रभावकारी इस्तेमाल।”
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी, मसूरी में 99वें फाउंडेशन कोर्स के युवा अधिकारियों को संबोधित कर रहे हैं
भारत की प्रगति पर रोशनी डालते हुए, उन्होंने पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए देश की मारी गई छलांग के साथ-साथ नवाचार और स्टार्टअप में उल्लेखनीय वृद्धि की प्रशंसा की। मंत्री महोदय ने कनिष्ठ पदों के लिए साक्षात्कार को समाप्त करने और पुरानी पेंशन नीतियों जैसे उदाहरणों का उल्लेख करते हुए, अप्रचलित नियमों को हटाने और प्रशासनिक सेवा में जवाबदेही संबंधी सुधार करने के सरकार के प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने इन उपायों को शासन को समकालीन जरूरतों और मूल्यों के साथ जोड़ने हेतु आवश्यक बताया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने मिशन कर्मयोगी पहल पर भी बल दिया, जो एक दूरदर्शी प्रशिक्षण मॉड्यूल है और ये प्रशासिनिक अधिकारियों को नई भूमिकाओं के लिए जल्दी से अनुकूलित करने में सक्षम बनाएगा और सुनिश्चित करेगा कि वे विभिन्न विभागों में प्रभावकारी ढंग से अपने कार्य का निष्पादन कर सकें। उन्होंने युवा अधिकारियों को स्वयं को भारत के भविष्य के निर्माता के रूप में देखने के लिए प्रोत्साहित किया, खासकर जब देश 2047 तक एक विकसित देश बनने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहा है।
मंत्री ने कहा “आपमें से हर एक कल के भारत को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। आपके द्वारा लिए गए निर्णयों का 2047 के भारत पर सीधा प्रभाव पड़ेगा।” उन्होंने दूरदर्शी दृष्टिकोण अपनाने का आह्वान किया और इन युवा अधिकारियों से अपनी-अपनी भूमिकाओं में बदलाव का अग्रदूत बनने का आग्रह किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह सरकारी कार्यालयों में स्वच्छता अभियान जैसी पहलों के सफल कार्यान्वयन पर भी बोले, जिसने न केवल स्वच्छता को बढ़ावा दिया, बल्कि इसने इलेक्ट्रॉनिक स्क्रैप के निपटान से महत्वपूर्ण राजस्व भी प्राप्त किया।
अंत में, डॉ. जितेंद्र सिंह ने दोहराया कि आज के युवा प्रशासनिक अधिकारी भारत के सबसे आशाजनक युगों में से एक से गुजर रहे हैं और उनके पास 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनने की दिशा में देश की यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान देने का अवसर है। उन्होंने कहा, “आप केवल वर्तमान का हिस्सा नहीं हैं, बल्कि भारत के भविष्य के संरक्षक भी हैं।” उन्होंने अधिकारियों से निरंतर सुधार और सुधार की मानसिकता अपनाने का आग्रह करते हुए यह टिप्पणी की