स्कूलों को खोलने केन्द्र की गाइडलाइन पर कर रही भूपेश सरकार विचार – जल्द सामने आएगा फैसला, अभिभावकों की लिखित सहमति जरूरी
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : रायपुर, अनलॉक-4 के लिए केन्द्र सरकार की ओर से जारी किए गए दिशानिर्देशों में स्कूलों को खोलने की अनुमति भी दी गई है। इसके बाद अब छत्तीसगढ़ में भी स्कूलों को खोलने पर जल्द ही भूपेश सरकार निर्णय ले सकती है। प्रदेश में कोरोना महामारी के कारण बंद पड़े स्कूलों को खोलने की पूरी तैयारियों के संबंध में जल्द निर्णय लिया जाएगा। बता दें कि, राज्य सरकार ने 30 सितंबर तक स्कूलों और कॉलेजों को बंद रखने का निर्देश जारी किया था। अब केन्द्र सरकार की ओर से आई गाइडलाइन में 21 सितंबर से स्कूलों के संबंध में जो बात कही गई है, तो राज्य सरकार इस पर विचार करने जरुर उच्चस्तरीय बैठक लेकर निर्णय ले सकती है। अनलॉक 4 में केंद्र सरकार ने 9वीं से 12वीं तक के छात्रों को स्वैच्छीक रूप से स्कूल जाने की अनुमति दे दी है। वहीं, सरकार ने आज 9वीं से 12वीं तक की कक्षाओं के लिए एसओपी जारी किया है। जारी निर्देश के अनुसार स्टूडेंट्स अपने शिक्षकों से मार्गदर्शन ले सकते हैं. लेकिन ये उनकी स्वेच्छा पर है यानी अगर वे जाना चाहते हैं। यानी अगर वे जाना चाहते हैं, तभी जाएं, उनपर स्कूल जाने का कोई दबाव नहीं है। वहीं, छात्रों को स्कूल जाने के लिए परिजनों की अनुमति लेनी जरूरी होगी।
जारी निर्देश के अनुसार स्कूल में अटेंडेस के लिए बायोमीट्रिक मशीन के बजाए कॉन्टैक्ट लेस अटेंडेंस की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 6 फीट की दूरी दर्शाते हुए फर्श तैयार किया जा सकता है। स्कूल असेंबली, स्पोर्ट्स व अन्य इवेंट में भीड़भाड़ पर सख्ती से रोक होगी।स्कूल के जिमनेजियम को भी स्वास्थ्य मंत्रालय की पूरी गाइडलाइन फॉलो करनी होगी। इसके अलावा स्वीमिंग पूल कहीं भी नहीं खुलेंगे। ये पहले की तरह ही बंद रहेंगे। स्टूडेंट्स के लॉकर पहले की तरह इस्तेमाल होंगे। लेकिन इसमें रेगुलर डिसइन्फेंक्शन किया जाएगा। स्कूल में और क्लासरूम में सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन होगा।
बुधवार को राज्य सरकार ने इस संबंध में कहा है कि, केंद्र सरकर ने 30 सितंबर तक स्कूल बंद रखने का आदेश दिया है, परंतु 21 सितंबर से 50 प्रतिशत शिक्षकों को स्कूल बुलाने के अनुमति दी है। कक्षा 9 से 12 के विद्यार्थियों को उनके अभिभावकों की लिखित सहमति प्राप्त होने पर स्वेच्छा से स्कूल आकर शिक्षकों से शंका समाधान कराने की अनुमति देने का अधिकार राज्यों को दिया है। छत्तीसगढ़ में अभी इस संबंध में विचार चल रहा है। उच्च स्तर पर योग्य निर्णय लिया जाएगा