सफलता की कहानी : लखपति बनकर दूसरों को भी उन्नति का राह दिखा रही पहाड़ी कोरवा जनजाति की मनकुवारी
राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की सहायता से कृषि के साथ अन्य स्त्रोतों से भी कर रही आय अर्जन
जशपुर, 25 सितम्बर 2024/ जीवन के कठिन रास्तों पर जो हर कदम पर साथ दे ऐसा साथी मिल जाये तो जीवन सुखमय हो जाता है ऐसे ही मनकुवारी के लिये कठिन जीवन का साथी बनी बिहान योजना। बगीचा विकासखण्ड के ग्राम पंचायत कुटमा में रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा से संबंध रखने वाली मनकुवारी बाई अपना जीवन अपनी सीमित आय के साथ आभावों में व्यतीत कर रही थी।
अपनी सीमित आय के साथ मन में कुछ बड़ा करने की आशा मन में लिए मनकुवारी हमेशा विचार करती रहतीं कि कैसे अपनी स्थिति में परिवर्तन लाएं। ऐसे में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान उनके जीवन में आशा की नई किरण बन कर आयी। बिहान के अधिकारियों ने उन्हें आजीविका गतिविधियों से जुड़ के आय वृद्धि के सम्बन्ध में जानकारी दी। जिसके बाद मनकुवारी ने प्रगति संकुल संगठन सरबकोम्बों क्लस्टर ने दीप स्वसहायता समूह के साथ कार्य करना प्रारम्भ किया। जहां उन्हें विविध आजीविका गतिविधियों की जानकारी के साथ उसका प्रशिक्षण देते हुए उनके पसंद की गतिविधियों के विशेषज्ञों से उनकी मुलाकात करायी गयी। शुरुआती रूप में उन्हें रिवॉल्विंग फंड से 15 हज़ार रुपये प्राप्त हुए जिससे उन्होंने आजीविका गतिविधियों में विस्तार का कार्य करते हुए कृषि के साथ बत्तख पालन भी प्रारम्भ किया। बत्तख पालन में कार्य से उन्हें लाभ अर्जित होने पर उन्हें 60 हज़ार रुपये का कम्युनिटी इन्वेस्टमेंट फंड के रूप में प्राप्त हुए। जिसमें उत्कृष्ठ प्रदर्शन के बाद बिहान अधिकारियों के सहयोग से मनकुवारी को बैंक लिंकेज राशि सहायता के रूप में अतिरिक्त 2 लाख रुपये का ऋण प्राप्त हुआ।
जिससे मनकुवारी जो अपनी सीमित आय के कारण चिंतित रहती थी अब लखपति बन कर वार्षिक रूप से 2 लाख 70 हज़ार से अधिक की आय अर्जित कर रहीं है। जिसमें बत्तख पालन जे 35 हज़ार, कृषि कार्य से 25 हज़ार प्राप्त करने के साथ लघुवनोपज जैसे तेंदूपत्ता, महुआ, चिरौंजी, सालबीज आदि के संग्रहण से 42 हज़ार की अतिरिक्त आय प्राप्त कर रही हैं। मनकुवारी बताती है कि बिहान में जुड़ने के पूर्व हमेशा चिंतित रहती थी कृषि की सीमित आय से घर चलाना मुश्किल होता था। बिहान में जुड़ने से उन्हें अपनी चिंताओं का समाधान के साथ एक साथी मिला जिससे उन्हें आगे बढ़ने के हौसले के साथ सहयोग भी मिला जिसके लिए उन्होंने शासन का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन बिहान से जुड़ने से ना सिर्फ आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हुईं है अपितु सामाजिक रूप से भी उनकी स्थिति में विशेष परिवर्तन आया है। लोगों से उन्हें सम्मान भी प्राप्त होता है। मनकुवारी ना सिर्फ खुद आगे बढ़ रही है बल्कि अन्य महिलाओं के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बन रहीं हैं और महिलाओं को आगे आकर शासकीय योजनाओं का लाभ लेने एवं बिहान से जुड़ने हेतु प्रेरित कर रहीं हैं।