स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय : विश्व भर में खाद्य सुरक्षा प्रणालियों को सशक्त करने के संकल्प के साथ 02 दिवसीय वैश्विक खाद्य विनियामक शिखर सम्मेलन 2024 का समापन
भारत वैश्विक खाद्य सुरक्षा संबंधी इकोसिस्टम को सशक्त करने की राह पर आगे बढ़ रहा है
खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ खाद्य संरक्षा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है: श्री चिराग पासवान
“हमारी खाद्य प्रणालियों की विविधता वास्तव में महत्वपूर्ण है – यह भारत का सार है। हमें इस समृद्ध प्रचुरता को सार्थक अवसरों में बदलने के तरीकों पर विचार-विमर्श करने की आवश्यकता है”
प्रविष्टि तिथि: 21 SEP 2024 7:34PM by PIB Delhi
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री श्री चिराग पासवान ने आज यहां भारत मंडपम में दो दिवसीय वैश्विक खाद्य विनियामक शिखर सम्मेलन 2024 के समापन समारोह को संबोधित किया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) द्वारा आयोजित इस शिखर सम्मेलन में खाद्य सुरक्षा और विनियामक मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय सहयोग तथा ज्ञान साझा करने की प्रवृत्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से व्यावहारिक संवाद और चर्चाएं हुईं।
श्री चिराग पासवान ने सत्र को संबोधित करते हुए कहा, “खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ खाद्य संरक्षा सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। हमें न केवल अपने भोजन की गुणवत्ता बनाए रखने का लक्ष्य रखना चाहिए, बल्कि इसके मूल्य संवर्धन के तरीके भी तलाशने चाहिए।” श्री पासवान ने वैश्विक शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए एफएसएसएआई को बधाई दी, जिसमें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नियामकों और अन्य हितधारकों की भारी भागीदारी देखी गई। उन्होंने कहा, “हमारी खाद्य प्रणालियों की विविधता वास्तव में उल्लेखनीय है – यह भारत का सार है। हमारे लिए इस समृद्ध प्रचुरता को सार्थक अवसरों में बदलने के तरीकों पर विचार करने की आवश्यकता है।
नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी के पॉल ने अपने विशेष संबोधन में एफएसएसएआई के ‘ईट राइट इंडिया’ जन आंदोलन की सराहना की। उन्होंने कहा, “मुझे बहुत गर्व है कि हमारे देश में ‘ईट राइट’ एक जन आंदोलन है। मैं आप सभी से ‘ईट राइट इंडिया’ जन आंदोलन में शामिल होने और व्यवहार परिवर्तन में शामिल होने का आग्रह करता हूं।”
इससे पहले दिन में, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने समानांतर सत्र के रूप में आयोजित क्षेत्रीय सम्मेलन में अध्यक्षीय भाषण दिया। उन्होंने वैश्विक स्तर पर खाद्य सुरक्षा संबंधी मानकों को आकार देने में क्षेत्रीय देशों की भूमिका को बढ़ाने के लिए देशों के बीच एकता और सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने भारत के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मानकों को कोडेक्स मानदंडों के अनुरूप बनाने में एफएसएसएआई द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला।
भारत ने कोडेक्स एलिमेंटेरियस कमीशन की मानक-निर्धारण प्रक्रिया के भीतर सहयोग और सामंजस्य बढ़ाने के उद्देश्य से क्षेत्रीय सम्मेलन की मेजबानी की। यह पहला अवसर है जब रोम स्थित कोडेक्स के मुख्यालय के बाहर एक क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया है। इसने एशियाई देशों को क्षेत्र के लिए अद्वितीय खाद्य सुरक्षा, व्यापार और नियामक चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए एक समर्पित मंच प्रदान किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की विशेष कार्य अधिकारी सुश्री पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने मुख्य भाषण दिया।
एफएसएसएआई के सीईओ श्री जी. कमला वर्धन राव ने दो दिवसीय कार्यक्रम के दौरान हुई चर्चाओं का अवलोकन प्रदान किया। उन्होंने चर्चाओं के दौरान उनके अमूल्य योगदान और विशेषज्ञता के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों प्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया।
शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन अवशेष और प्रदूषक निगरानी प्रणाली, खाद्य-परीक्षण में नए युग का विश्लेषण, फोर्टिफिकेशन के माध्यम से छिपी हुई भूख का समाधान तथा खाद्य सुरक्षा एवं मानव स्वास्थ्य पर पशु आहार के प्रभाव जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर व्यावहारिक चर्चा हुई। शिखर सम्मेलन का उद्घाटन 20 सितंबर, 2024 (शुक्रवार) को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री जेपी नड्डा ने किया। इसने खाद्य मूल्य श्रृंखला में खाद्य सुरक्षा प्रणालियों और नियामक संरचना से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर दृष्टिकोण और ज्ञान का आदान-प्रदान करने के लिए दुनिया भर के खाद्य नियामकों को एक साथ लाया।
शिखर सम्मेलन के दौरान खाद्य आयात अस्वीकृति अलर्ट (एफआईआरए) – भारतीय सीमाओं पर खाद्य आयात अस्वीकृतियों की सूचना के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल और एफआईसीएस 2.0 – खाद्य आयात निकासी प्रणाली के लिए एक उन्नत वेबसाइट सहित विभिन्न पहलों का शुभारंभ किया गया। उद्घाटन समारोह के दौरान मिलेट रेसिपी शो ‘फ्लेवर्स ऑफ श्री अन्न – सेहत और स्वाद के संग’ का भी शुभारंभ किया गया। भारतीय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य सुरक्षा प्रदर्शन का मूल्यांकन करने वाली वार्षिक रिपोर्ट, राज्य खाद्य सुरक्षा सूचकांक (एसएफएसआई) 2024 का विमोचन किया गया, जो इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण था।
शिखर सम्मेलन में 70 से अधिक देशों के प्रतिनिधि शामिल हुए, जिनमें खाद्य सुरक्षा नियामक और जोखिम मूल्यांकन प्राधिकरण, अनुसंधान संस्थान और विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल थे। इन प्रतिनिधियों ने प्रमुख नियामक मुद्दों पर चर्चा की और रणनीति बनाई। इसने खाद्य सुरक्षा मानकों को बढ़ाने और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला। इसने खाद्य सुरक्षा, जोखिम मूल्यांकन, विश्लेषणात्मक क्षमता और क्षमता निर्माण पहल जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर संवाद शुरू किया, जो दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा संबंधी इकोसिस्टम को प्रभावित करते हैं।
इस कार्यक्रम में एफएसएसएआई की कार्यकारी निदेशक सुश्री इनोशी शर्मा और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।