कोरोना का कहर, एसिंटोमेटिक मरीजों के लिए व्यापक इंतजाम, सीरियस होने पर भगवान भरोसे पिछले दो माह से लगातार बढ़ रहे कोरोना के कहर के बाद गंभीर मरीजों पर आफत आने लगी है – डा. सुभाष पांडे, संयुक्त संचालक

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Raipur chhattisgarh VISHESH : कोरोना का कहर, एसिंटोमेटिक मरीजों के लिए व्यापक इंतजाम, सीरियस होने पर भगवान भरोसे पिछले दो माह से लगातार बढ़ रहे कोरोना के कहर के बाद गंभीर मरीजों पर आफत आने लगी है। कोरोना से निपटने के लिए एसिंटोमेटिक मरीजों के इलाज के लिए थोक में कोविड सेंटर बनाए गए, वहीं गंभीर मरीजों के लिए केवल बड़े अस्पतालों में सीमित संख्या में आईसीयू और वेंटिलेटर का इंतजाम किया गया है। कोविड सेंटरों में मरीजों की स्थिति बिगड़ने पर केवल आंबेडकर अस्पताल या एम्स का सहारा है, जहां आईसीयू फुल होने की वजह से मारामारी की परेशानी बड़ गई है 

पिछले दो माह से लगातार बढ़ रहे कोरोना के कहर के बाद गंभीर मरीजों पर आफत आने लगी है। कोरोना से निपटने के लिए एसिंटोमेटिक मरीजों के इलाज के लिए थोक में कोविड सेंटर बनाए गए, वहीं गंभीर मरीजों के लिए केवल बड़े अस्पतालों में सीमित संख्या में आईसीयू और वेंटिलेटर का इंतजाम किया गया है। कोविड सेंटरों में मरीजों की स्थिति बिगड़ने पर केवल आंबेडकर अस्पताल या एम्स का सहारा है, जहां आईसीयू फुल होने की वजह से मारामारी की स्थिति बन रही है। शुरुआती दौर में कोरोना के इलाज के लिए किए गए इंतजामों को पर्याप्त माना जा रहा था, मगर जिस रफ्तार से मरीज सामने आए, सारी सुविधाएं कम पड़ती गईं और लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए विभिन्न कोविड सेंटर खोले गए, निजी अस्पतालोें में उन्हें उपचार की सुविधा दी गई। साथ ही होम आईसोलेशन की व्यवस्था भी प्रारंभ की गई, मगर सारे इंतजाम कोरोना के बिना लक्षण वाले और सामान्य मरीजों के लिए किए गए। इन कोविड सेंटरों में अगर आपात स्थिति निर्मित होती है तो मरीजों को आनन-फानन आंबेडकर अस्पताल या एम्स शिफ्ट करना पड़ता है। अगस्त और सितंबर में जिस तरह कोरोना के गंभीर मरीज सामने आए, उससे उपचार की सारी व्यवस्था धरी की धरी रह गई। सरकारी के साथ निजी अस्पताल में भी मौजूद आईसीयू फुल हो गए और ऐसे मरीज इलाज के लिए भगवान भरोसे हो चुके हैं। Also Read – तीन महीने में ही भर गए मौत के बहीखाते, निगम ने काटी पर्ची यहां केवल दवा और बिस्तर लालपुर हास्पिटल 100 इंडोर स्टेडियम 260 आयुर्वेदिक अस्पताल 400 फुंडहर हाॅस्टल 230 प्रयास रेसीडेंसी गुढ़ियारी 410 होटल प्रबंधन संस्थान उपरवारा 700 प्रयास सड्डू 300 आंबेडकर में नया आईसीयू प्रगति पर गंभीर मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए आंबेडकर अस्पताल में नया 75 बेड का नया आईसीयू बनाने की तैयारी है, इसमें 30 बेड का आईसीयू तैयार हो चुका है। इसके बाद भी जरूरत को देखते हुए इसके सेटअप को जल्द पूरा किए जाने की आ‌वश्यकता महसूस की जा रहा है। रायपुर जिले में व्यवस्था वर्तमान में एम्स में 100 आईसीयू एवं अस्थायी आईसीयू, 20 वेंटिलेटर हैं। आंबेडकर अस्पताल के कोविड वार्ड में 47 आईसीयू व 35 वेंटिलेटर की सुविधा है। माना सिविल अस्पताल में हाॅल ही में 25 आईसीयू की सुविधा कुछ दिनों पूर्व ही प्रारंभ की गई है। निजी अस्पतालों में कोविड के गंभीर मरीजों के लिए करीब सौ बिस्तरों का इंतजाम है, लेकिन रोजाना जिले में जिस तरह आठ से नौ सौ की संख्या में मरीज सामने आ रहे हैं, उसमें से करीब ढाई से तीन सौ मरीजों को आईसीयू की आवश्यकता पड़ रही है। बढ़ाई जा रही सुविधाएं आने वाले दिनों में हालात को देखते हुए अस्पतालों में आईसीयू और वेंटिलेटर की सुविधा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। आंबेडकर अस्पताल में इसका काम चल रहा है। कोरोना के बिना लक्षण वाले मरीजों को होम आईसोलेशन में रहने की सलाह दी जा रही है, ताकि जरूरतमंद को अस्पताल में तत्काल इलाज की सुविधा मिल सके। 

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Manpreet singh

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