संयुक्त टीम द्वारा 03 बालक एवं 02 बालिका का बाल विवाह रोका गया
महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाईजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम द्वारा बड़ी कारवाई
बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर एवं मातृ-मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि
Report manpreet singh
Raipur chhattisgarh VISHESH : बलरामपुर। संयुक्त टीम द्वारा बाल विवाह रोका गया। सूचना मिली कि थाना सनावल के अंतर्गत पिपरपान में 3 बालक एवं 2 बालिका का बाल विवाह हो रहा है।
महिला एवं बाल विकास विभाग के सुपरवाईजर, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम के द्वारा पिपरपान पहुंचकर बालक/बालिका के माता-पिता एवं सगे संबंधियों को समझाईश देकर बाल विवाह होने से रोका गया। साथ ही वहां उपस्थित लोगों को बताया गया कि बाल विवाह केवल एक सामाजिक बुराई ही नहीं अपितु कानूनन अपराध भी है।
बाल विवाह के कारण बच्चों में कुपोषण, शिशु-मृत्यु दर एवं मातृ-मृत्यु दर के साथ घरेलू हिंसा में भी वृद्धि होती है। विवाह हेतु लडक़े की उम्र 21 वर्ष तथा लडक़ी की उम्र 18 वर्ष निर्धारित है।
बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत बाल विवाह करने वाले वर एवं वधु के माता-पिता, सगे-संबंधी, बाराती यहां तक कि विवाह कराने वाले पुरोहित पर भी कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। कोई भी व्यक्ति जो जानबूझकर ऐसी निषेधाज्ञा का उल्लंघन करता है तो उसे दो वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा जुर्माना जो कि 01 लाख रूपये तक हो सकता है।
जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग ने जिलेवासियों से अपील की है कि लडक़े का उम्र 21 वर्ष तथा लडक़ी की उम्र 18 वर्ष पूर्ण होने के पश्चात ही विवाह करें। यदि किसी व्यक्ति को बाल विवाह की जानकारी प्राप्त होती है तो जिला बाल संरक्षण अधिकारी मोबाइल नम्बर 9826278915 या टोल फ्री नम्बर 1098 पर कॉल करके एवं अपने ग्राम पंचायत के सरपंच, सचिव, शिक्षक, कोटवार, तहसीलदार, थाना प्रभारी, पर्यवेक्षक एवं ऑगनबाड़ी कार्यकर्ता को अविलंब सूचित करें। आपकी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी।